देश में महंगाई नहीं…जनता को गुमराह किया जा रहा: ट्रंप

ट्रंप

वॉशिंगटन। अमेरिका में चार नवंबर को हुए चुनावों में करारी हार के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी अपनी नीतियों और नेतृत्व पर किसी तरह की समस्या मानने को तैयार नहीं है। जॉर्जिया, न्यू जर्सी, पेंसिलवेनिया और वर्जीनिया जैसे अहम राज्यों में हार के बाद भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व का दावा है कि न तो महंगाई कोई गंभीर मुद्दा है और न ही पार्टी की दिशा में बदलाव की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर, बड़ी संख्या में मतदाता लगातार बढ़ती लागत और मुश्किल आर्थिक हालात की बात कर रहे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि ट्रंप की नीतियां लोकप्रिय हैं और उनका नेतृत्व ही 2026 के चुनावों में जीत का रास्ता साफ करेगा। ट्रंप का आरोप है कि डेमोक्रेट और मीडिया महंगाई को बढ़ाकर दिखा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल के दिनों में ‘सस्तेपन’ और ‘बेहतर अर्थव्यवस्था’ का प्रचार तेज कर दिया है और दावा किया है कि अमेरिकी उपभोक्ता पहले से बेहतर स्थिति में हैं। लेकिन एपी के मतदाता सर्वेक्षण बताते हैं कि लोगों की सबसे बड़ी चिंता महंगाई ही है और यही मुद्दा चुनावों में सबसे निर्णायक रहा।

हार के बाद व्हाइट हाउस ने चुपचाप अपनी रणनीति बदलकर ‘अफोर्डेबिलिटी’ की ओर ध्यान मोड़ा है। ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल का बड़ा हिस्सा व्यापार युद्ध, आव्रजन और अमेरिकी शहरों में नेशनल गार्ड की तैनाती जैसे विवादों में गुजरा है। अब राष्ट्रपति लगातार यह दावा कर रहे हैं कि कीमतें गिर रही हैं। उन्होंने बीफ सहित कई उत्पादों पर टैरिफ घटाए, जबकि वास्तविकता यह है कि 2024 की तुलना में किराना कीमतें 2.7 फीसदी ज्यादा हैं। ट्रंप का तर्क है कि अफोर्डेबिलिटी को लेकर लोगों की शिकायतें एक झूठा भ्रम हैं।

हालांकि पार्टी के सभी नेता ट्रंप के इस प्रचार से सहमत नहीं हैं। न्यूयॉर्क की एलिस स्टेफनिक, जिन्होंने हाल ही में गवर्नर पद की दौड़ में उतरने का एलान किया है, साफ कहती हैं कि उनके राज्य में सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई ही है। वे सांस्कृतिक मुद्दों जैसे ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों का मुद्दे को मानते हुए कहती हैं कि मतदाता सबसे ज्यादा टैक्स और खर्च का बोझ झेल रहे हैं। हालांकि वे ट्रंप की किसी नीति की खुली आलोचना नहीं करतीं, लेकिन संकेत देती हैं कि जमीनी राजनीति और व्हाइट हाउस की लाइन में फर्क है।

रिपब्लिकन नेशनल कमिटी ने आधिकारिक टॉकिंग प्वाइंट्स जारी कर चुनावी हार को डेमोक्रेट समर्थक राज्यों की जनसांख्यिकी पर ठहरा दिया है। इन टॉकिंग प्वाइंट्स में जॉर्जिया और पेंसिलवेनिया की हार का जिक्र तक नहीं है। इसमें यह भी दावा किया गया कि ट्रंप की लोकप्रियता ओबामा और बुश से ज्यादा है, जबकि एपी और गैलप के आंकड़े बताते हैं कि ओबामा और बुश दोनों की मंजूरी रेटिंग ट्रंप से ज्यादा थी। इसके बावजूद पार्टी का संदेश है कि 2026 में जीत की कुंजी ट्रंप का साथ और MAGA वोटरों की अधिकतम भागीदारी ही है।

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