सीएम डॉ. मोहन यादव ने बिहार में… २१ सीटों पर दिलाई प्रचंड जीत

  • बिहार में चला ‘मोहन मैजिक’

गौरव चौहान
बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट 14 नवंबर को घोषित हो चुके हैं। इसमें एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल की है। एनडीए ने 202 सीटें जीती है, जबकि महागठबंधन 35 पर सिमट गई। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी जमकर चुनाव प्रचार और रैलियां की थीं। महागठबंधन में आरजेडी का एम-वाय फैक्टर हमेशा से उसका हथियार रहा है। लेकिन डॉ. मोहन यादव खुद यादव समाज से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में उन्होंने जिन सीटों पर प्रचार किया, वहां चुनाव में अधिकतर पर एनडीए ने कब्जा कर लिया है। दिल्ली और हरियाणा के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भूमिका भी प्रभावी रही। बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान डॉ. यादव ने जिन 21 विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं हुई, वहां से एनडीए प्रत्याशियों की जीत हासिल हुई है।
गौरतलब है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को स्टार प्रचारक बनाया था और उनकी दो चरणों के चुनावों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाएं आहूत कराई थी। सीएम डॉ. यादव ने जिन विधानसभा सीटों पर प्रचार और जनसभाएं की, वहां पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा। इनमें विधानसभा बगहा, सिकटा, नरकटिया, पिपरा, मोतीहारी ढाका, आलमनगर, मधेपुरा, सहरसा, नाथनगर, बेलहर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, तुहा, बक्सर, बोधगया, गया टाउन, वजीरगंज और हिसुआ शामिल हैं। इनमें से कई ऐसी सीट भी थीं, जहां विषम स्थितियां थीं, लेकिन डॉ. यादव की सभाओं ने वहां की परिस्थितियों को एनडीए के पक्ष में कर दिया। डॉ. यादव के संबोधन को बिहारी मतदाताओं द्वारा स्वीकार किया गया और यह स्वीकार किया कि प्रदेश के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार आवश्यक है। जानकारी के अनुसार डॉ. यादव ने 16 अक्टूबर से 9 नवंबर तक भाजपा-एनडीए प्रत्याशियों के लिए रोड शो, रैली और जनसभाएं कीं। इन सीटों पर आए परिणामों पर नज़र डालें, तो एनडीए की जीत में उनका 90 प्रतिशत स्ट्राइक रेट रहा। डॉ. यादव ने बिहार की 25 सीटों पर सभाएं कीं। वहां पर भाजपा और उसके सहयोगी दल- जेडीयू, एलजेपी के कई प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। मतगणना में भाजपा के 12 प्रत्याशी और सहयोगी दलों के 9 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने प्रचार अभियान के बल पर यादव वाद की छवि से बाहर आने में भी कामयाब रहे हैं।
मोहन यादव ने लगाई एमवाय में सेंध
बिहार चुनाव में एनडीए की आंधी ने पूरे महागठबंधन को उड़ा दिया। चुनावी माहौल के दौरान चले एमवाय (मुस्लिम+यादव) फैक्टर में मप्र के सीएम एमवाय  (मोहन यादव) ने सेंध लगा दी। बिहार वासियों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री लालू, तेजस्वी और अखिलेश यादव से ज्यादा भा गए। नतीजा यह रहा कि एनडीए ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया। साथ ही सीएम डॉ. मोहन ने आरजेडी का परंपरागत वोट बैंक तोड़ दिया। बिहार में एनडीए की सफलता में भी मोहन यादव फैक्टर कारगर साबित हुआ। यादव वोटों में तेजस्वी जैसा ध्रुवीकरण नहीं हुआ। चुनाव में मोदी की लोकप्रियता और मोहन यादव का प्रभाव, बिहार में एनडीए के लिए सकारात्मक समीकरण बना। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सक्रियता से बिहार में भाजपा को सामाजिक संतुलन मिला और तेजस्वी का यादव कार्ड नहीं चला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिन सीटों पर प्रचार कर एनडीए का मनोबल बढ़ाया, वहां यादव वोटों में तेजस्वी का जादू नहीं चल सका। इस दौरान मोदी की लोकप्रियता के साथ मोहन यादव का मैदानी असर भी दिखा जिससे एनडीए के नतीजे उम्मीद से बेहतर बने।  मोदी+यादव की डबल इफेक्ट से बिहार में एनडीए की जीत हुई। वहीं समाज का विश्वास विकास पर कायम रहा। तेजस्वी के जातीय एजेंडे पर मोहन यादव का समरसता मंत्र चला, जिससे बिहार में एनडीए को बड़ा लाभ मिला। यादव समाज ने विकास पर भरोसा दिया और मोहन यादव की सादगी और मोदी की लोकप्रियता ने फर्क बनाया। चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बहार है, फिर एनडीए सरकार है। यह जीत सच्चे अर्थों में लोकतंत्र और गरीबों की जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार की जनता ने वंशवाद को किनारे कर विकासपरक राजनीति को चुना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन पर बिहार की जनता ने एक बार फिर मुहर लगाई। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को दो तिहाई से अधिक प्रचंड बहुमत मिला। बिहार में दो भाइयों की जोड़ी ने कमाल कर दिखाया।
भाजपा दफ्तर में मना जीत का जश्न
उधर, बिहार जीत का जश्र भाजपा मुख्यालय में मनाया गया, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनके मंत्रियों के साथ भाजपा संगठन के दिग्गज नेता मौजूद रहे। जिन्होंने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी और कांग्रेस को नसीहत दी कि वह वोट चोरी का अलाप छोडकऱ आत्मचिंतन करे। भाजपा के प्रदेश दफ्तर में दोपहर लगभग 12 बजे से बिहार में एनडीए की जीत का जश्न दिखाई देने लगा था। दोपहर 3 बजे यहां वरिष्ठ मंत्री प्रहलाद पटेल, विश्वास कैलाश सारंग सहित दूसरे मंत्री मौजूद रहे। जबकि प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद सहित दूसरे नेताओं की भी उपस्थिति रही। जिन्होंने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया। इससे पहले प्रदेश भाजपा की नई टीम की बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, अजय जामवाल और प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह मौजूद रहे। वरिष्ठ नेतृत्व के साथ हेमंत खंडेलवाल के प्रदेश पदाधिकारियों की यह पहली बैठक थी। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि बिहार की प्रचंड जीत राष्ट्रवाद और विकासवाद की जीत है। बिहार की जनता ने कांग्रेस और आरजेडी को पूरी तरह से नकार दिया। प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि इस जीत का उत्साह पूरे देश में है और उत्सव जैसा वातावरण हर जगह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास रहा है। बिहार की जनता ने विकास और सुशासन के प्रति अपना विश्वास पुन:प्रकट किया है।

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