
- सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने दिए टॉस्क
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
आयकर विभाग की सभी विंग को टैक्स कलेक्शन के एरियर और करंट डिमांड को टाइम लिमिट में पूरा करना है। इसके साथ ही स्टैक होल्डर्स को नए आयकर अधिनियम की जानकारी देने के लिए अगले तीन महीनों में देशव्यापी आउटरीच कार्यक्रम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सभी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर्स को आयकर दफ्तरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्क तेजी से पूरे कराने के लिए कहा गया है। राजधानी के एक होटल में चल रही दो दिनी कांक्लेव में सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल समेत विभाग के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। आयकर विभाग की प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स कांक्लेव में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रवि अग्रवाल एवं बोर्ड के सदस्य पंकज मिश्रा, संजय बहादुर, प्रसेनजीत सिंह और जी. अपर्णा राव शामिल हुए। इस कार्यक्रम में देशभर के इनकम टैक्स की सभी विंग में पदस्थ प्रधान मुख्य आयकर आयुक्तों एवं आयकर आयुक्त (प्रशासन) ने हिस्सा लिया। इस कॉन्क्लेव में आयकर विभाग से संबंधित सभी मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया, जिसमें मुख्य रूप से सीपीग्राम का निवारण, अपील निस्तारण, एसेसमेंट का समयबद्ध तरीके से निपटारा, बजट कलेक्शन, एरियर डिमांड, करंट डिमांड आदि पर चर्चा की गई। इस मौके पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने सभी अधिकारियों से आयकर अधिनियम 2025 के संबंध में पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी स्टैक होल्डर को इस नए अधिनियम को समझने और इसके अनुरूप कार्य करने के लिए सभी को तैयार करने के बारे में निर्देश जारी किए।
इनकम टैक्स कलेक्शन के नए टारगेट तय
देशभर से आए प्रधान मुख्य आयकर आयुक्तों और आयकर आयुक्तों ने इनकम टैक्स को लेकर केंद्र सरकार के शिकायत निवारण पोर्टल पर कंप्लेंट के तत्काल समाधान, अपीलों पर समय सीमा में फैसला लेने जैसे विषयों पर चर्चा की। सबसे अहम बिंदु 1 अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहे नए आयकर अधिनियम 2025 की तैयारी का रहा। सीबीडीटी चेयरमैन रवि अग्रवाल ने इसके लिए अगले तीन माह के भीतर टैक्स प्रोफेशनल्स एवं टैक्स पेयर्स के साथ सेमिनार और वर्कशॉप के साथ ही ट्रेनिंग प्रोग्राम कराने का फैसला लिया। यह पहला अवसर है जब आयकर टैक्स की एमपी-सीजी यूनिट को इस आयोजन की जिम्मेदारी मिली। इस दो दिवसीय बैठक में सबसे अहम विषय इनकम टैक्स कलेक्शन का था। इस मामले पर लंबे मंथन के बाद तय हुआ कि प्रदेश के 18 प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय इस वित्त वर्ष में पिछले साल के मुकाबले दस फीसदी अधिक टैक्स कलेक्शन लाने का लक्ष्य रखें। सीबीडीटी चेयरमैन के इस प्रस्ताव पर सभी पीसीसीआईटी ने सहमति जताई है। 2024-25 में 1 अप्रैल से 13 नवंबर तक इनकम टैक्स का कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7 फीसदी अधिक है। इसे 10 प्रतिशत बढ़ाने के लिए देश भर के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स अगले चार माह के दौरान अभियान चलाएंगे। बैठक में टीडीएस को लेकर चर्चा में सामने आया कि देश में होने वाले डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लगभग 52 फीसदी हिस्सा टीडीएस से हासिल होता है। देश में हर साल लगभग 23 लाख टीडीएस रिटर्न फाइल किए जाते हैं। एक बड़ा हिस्सा रिफंड के रूप में टैक्सपेयर को वापस मिल जाता है। नई रणनीति के तहत अधिक राशि वाले टीडीएस रिटर्न की गहराई से जांच की जाएगी, ताकि गलत फाइलिंग पर होने वाले रिफंड रोके जा सकें। इससे आय बढ़ेगी।
