
- डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढक़र 12.92 लाख करोड़ पहुंचा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकारी तिजोरी में पैसों की बंपर बारिश हो रही है। चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे कुल वसूली बढकऱ 12.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सरकार की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से 10 नवंबर 2025 के बीच रिफंड जारी करने की दर सालाना आधार पर 18 फीसदी घटकर 2.42 लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक रही। इस वजह से सरकार के पास अधिक पैसा जमा हुआ है। टैक्स बढऩे के आंकड़े देते हुए सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि 1 अप्रैल से 13 नवंबर तक देश में आयकर की वसूली पिछले साल से अधिक हुई है और मप्र में इस अवधि के दौरान पिछले साल की तुलना में 6.99 फीसदी अधिक इनकम टैक्स जमा हुआ है।
गौरतलब है कि 1 अप्रैल से शुरू हुए हालिया वित्त वर्ष में आयकर छूट की सीमा को सात लाख से बढ़ाकर 12 लाख किया गया था। इससे लाखों टैक्सपेयर्स कर के दायरे से बाहर हो गए हैं, लेकिन इसके बाद भी कर की वसूली पिछले साल से अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल 9 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं जबकि लगभग 13 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में आयकर दे रहे हैं। इस अवधि के दौरान नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन लगभग 5.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.08 लाख करोड़ रुपये था। यह कॉर्पोरेट क्षेत्र में स्थिरता और मुनाफे में सुधार का संकेत दे रहा है। वहीं, व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार से मिला कर कलेक्शन बढकऱ 7.19 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 6.62 लाख करोड़ रुपये था। यह वृद्धि दर्शाती है कि व्यक्तिगत आय स्तर में मजबूती आई है और टैक्स अनुपालन में सुधार हुआ है।
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स का हाल
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) से होने वाली आय में मामूली गिरावट आई है। समीक्षाधीन अवधि में एसटीटी कलेक्शन 35,682 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 35,923 करोड़ रुपये था।सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन जिसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स दोनों शामिल हैं, चालू वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढकऱ 12.92 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 12.08 लाख करोड़ रुपये था। रिफंड समायोजन से पहले, कुल सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.15 फीसदी ज्यादा है। सीबीडीटी चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि इस मंथन में सबसे अहम मुद्दा 1 अप्रैल 2026 से देश में लागू होने जा रहे नए आईटी एक्ट 2025 को आसान और सरल बनाने को लेकर कई दौर की चर्चा हुई। तय किया गया कि कर चोरी रोकने छापों और सर्वे के साथ आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को सही जानकारी देकर टैक्स कलेक्शन बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए अब आयकर विभाग एआई तकनीक का भी सहारा ले रहा है। इसमें कोशिश की जा रही है कि हर टैक्सपेयर को उसकी आय पर लगने वाले सही कर की रकम की जानकारी ऑनलाइन दे दी जाए। इसके अलावा अब आयकर विभाग ने गलत आकलन करके कम टैक्स देने वालों को अपडेट रिटर्न फाइल करने का भी विकल्प दिया है।
टीडीएस और नए आईटी एक्ट पर मंथन
दो दिवसीय इस कॉन्क्लेव के पहले दिन टीडीएस का कलेक्शन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई। इसके अलावा नए आईटी एक्ट को लोगों तक पहुंचाने और इसे आसान बनाने की चुनौतियों पर भी मंथन हुआ। इसके लिए अब आयकर विभाग देश भर में टैक्सपेयर्स के साथ कॉन्फ्रेंस और सेमिनार आयोजित करेगा तथा टैक्स प्रैक्टिशनर्स को भी नए आईटी एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। बैठक में तय हुआ कि टीडीएस और इनकम टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए डेटा टू रेवेन्यू प्लान आजमाया जाएगा, जिसमें डेटा माइनिंग के जरिए करदाताओं से च्यादा कर वसूलने पर जोर रहेगा। इस कॉन्क्लेव में देश के 18 प्रधान मुख्य आयकर आयुक्तों (पीसीसीआईटी) समेत टीडीएस के कमिश्नर शामिल हो रहे हैं।
