
वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच हुई अहम बातचीत के बाद एक ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर काश पटेल ने बताया कि चीन ने फेंटानिल नाम के घातक ड्रग बनाने में इस्तेमाल होने वाले 13 रासायनिक तत्वों को अब आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। साथ ही, चीन ने ऐसे 7 रासायनिक कारखानों पर भी नियंत्रण लगाने का फैसला किया है, जो अब तक इस ड्रग के निर्माण में भूमिका निभा रहे थे। काश पटेल ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब चीन ने पूरी तरह से कदम उठाया है। फेंटानिल बनाने वाले सभी 13 केमिकल्स को सूचीबद्ध कर दिया गया है और 7 कंपनियों को भी नियंत्रण में लिया गया है। इस फैसले के बाद फेंटानिल का जो ‘पाइपलाइन’ चीन से मेक्सिको और दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचता था, वह अब बंद हो गया है।’
काश पटेल ने कहा कि यह कदम हजारों अमेरिकियों की जान बचाएगा, क्योंकि फेंटानिल अमेरिका में ओवरडोज से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण बन चुका था। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया। ‘यह सब राष्ट्रपति ट्रंप की मजबूत नेतृत्व क्षमता के बिना संभव नहीं था। उन्होंने अमेरिकी जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह किसी भी राष्ट्रपति की तरफ से उठाया गया पहला और ऐतिहासिक कदम है जिससे फेंटानिल के संकट को रोका जा सकेगा।’ उन्होंने ट्रंप प्रशासन, अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे), एफबीआई टीम और चीन में अमेरिकी राजदूत परड्यू की भी सराहना की, जिन्होंने जमीन पर बातचीत कर यह समझौता संभव किया।
यह घोषणा ठीक उस समय आई है जब हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। उस बैठक के बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा था, ‘चीन ने साफ कहा है कि वह अमेरिका में फेंटानिल के प्रवाह को रोकने के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेगा। वे फेंटानिल संकट को खत्म करने में मदद करेंगे।’ फेंटानिल एक सिंथेटिक (कृत्रिम) ड्रग है जो बेहद शक्तिशाली होता है। यह मॉर्फिन से करीब 50 गुना ज्यादा असरदार होता है। इसकी थोड़ी सी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। अमेरिका में हर साल लाखों लोग फेंटानिल ओवरडोज से अपनी जान गंवाते हैं। वहीं इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन अपने वादे पर कायम रहता है, तो फेंटानिल तस्करी पर बड़ा प्रहार होगा, खासकर उन मेक्सिकन गिरोहों पर जो अमेरिका में इसकी सप्लाई करते थे।
