56 करोड़ के घोटाले के आरोपी ठप्पे से कर रहे नौकरी

घोटाले

शिवपुरी नगर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों पर है मेहरबान सरकार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के बहुचर्चित शिवपुरी नगर पालिका के 56 करोड़ के घोटाले में शामिल अधिकारियों पर नगरीय प्रशासन विभाग मेहरबान है। घोटाला उजागर होने के बाद शिवपुरी कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी की रिपोर्ट पर नगरीय प्रशासन आयुक्त संकेत भोंडवे ने 28 अगस्त को शिवपुरी नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ ईशांक धाकड़ समेत दो पूर्व सीएमओ को निलंबित कर दिया था। तीनों आरोपी अधिकारी उच्च न्यायालय से स्थगन लाकर नौकरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि शिवपुरी नपा सीएमओ धाकड़ ने निलंबन आदेश पर स्थगन जबलपुर उच्च न्यायालय से लिया, जबकि शिवपुरी उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ क्षेत्र में आता है। इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन विभाग ने स्थगन आदेश को निरस्त तक नहीं कराया है। शिवपुरी नगर पालिका में घोटाले के विरोध में जनप्रतिनिधि समेत स्थानीय लोगों में जनाक्रोश उपज रहा है। ऐसे में भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी निलंबन आदेश पर स्थगन लेकर फिर से वहीं नौकरी कर रहे हैं। इससे लोगों की प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। दरअसल, शिवपुरी नगर पालिका में भ्रष्टाचार के चलते नगरीय प्रशासन आयुक्त संकेत भोंडवे ने 28 अगस्त 2025 को 3 अधिकारियों को निलंबित किया था। इसमें नगर पालिका के मौजूदा सीएमओ ईशांक धाकड़ और दो पूर्व सीएमओ शैलेन्द्र अवस्थी और केशव सिंह सगर के नाम थे। अवस्थी और सागर अलग-अलग जगह पदस्थ हैं। तीनों अधिकारियों ने निलंबन आदेश पर न्यायालय से स्टे ले लिया। ईशांक धाकड़ ने उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ से स्थगन आदेश न लेकर जबलपुर से ली जबकि शिवपुरी जिला ग्वालियर खंडपीठ के अधीन है। नियमानुसार ऐसे मामलों में नगरीय प्रशासन विभाग न्यायालय प्रकरण के लिए ओआईसी की नियुक्ति की जाती है। लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग ने संचालनालय की ओर से ओआईसी नियुक्ति के लिए भेजी गई फाइल को मंजूरी नहीं दी है। इस वजह से भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों द्वारा निलंबन आदेश के खिलाफ लिया गए स्थगन आदेश निरस्त नहीं हो सका है। विभाग और संचालनालय की ढिलाई का फायदा भ्रष्ट अधिकारी उठा रहे हैं।
गायत्री शर्मा को भेजा शोकॉज नोटिस
नगर पालिका में किए गए 56 करोड़ के घोटाले के मामले में नगरीय प्रशासन संचालनालय ने शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गायत्री शर्मा को भी शोकॉज नोटिस भेज दिया है। नोटिस का जवाब आने के बाद अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि गायत्री शर्मा के खिलाफ नगर पालिका के पार्षद भी विरोध में है। जिनमें ज्यादातर सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षद ही शामिल हैं। पूर्व में शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन के नाम से भी नगर पालिका के घोटाले में अध्यक्ष एवं भुगतान करने वाले अधिकारियों का आरोपी बनाने के लिए संचालनालय को पत्र लिखा गया था। हालांकि बाद में विभाग ने पत्र को फजीं बताया था। यह बात अलग हैं कि यह पत्र अभी नगरीय प्रशासन संचालनालय की फाइलों में चिपका हुआ है।
तीनों अधिकारियों को भेजा आरोप पत्र
नगरीय प्रशासन संचालनालय के अधिकारी ने बताया कि शिवपुरी कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किए गए तीनों अधिकारियों को आरोप पत्र भेज दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार निलंबन के 90 दिन के भीतर संबंधित अधिकारी को आरोप पत्र देना अनिवार्य है। अन्यता निलंबन से बहाल होने का आधार बन जाता है।

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