
- पदों का मामला नहीं सुलझने से प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों में मायूसी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ओबीसी आरक्षण विवाद के चलते प्रदेश में सहायक लोक अभियोजक के पदों का मामला अटक गया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 269 पदों पर वर्ष 2021-22 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया के तहत कुल 219 अभ्यर्थियों को ही कॉल लेटर जारी किए हैं। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देते हुए शेष पदों के परिणाम रोक दिये गये थे। जिसका अब तक निराकरण नहीं होने से प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों में मायूसी छा गई है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में वेटिंग सूची में 50 अभ्यर्थी हैं, जिनमें से 9 ओबीसी वर्ग के भी हैं। इनमें दो अभ्यर्थियों के निधन और एक दिव्यांग सहित एक उम्मीदवार के बैंकिंग सेवा में चला गया है। इसके अलावा 24 पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे, पर केवल 12 पद ही महिलाओं से भरे गए। इसके बाद भी शेष बचे अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची आयोग द्वारा कोर्ट का हवाला देते हुए जहां अद्यतन नहीं की गई है। वहीं बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ शुरू करने चयनित उम्मीदवारों में निराशा का माहौल व्याप्त हो गया है। क्योंकि अब भी दर्जनों पद रिक्त हैं और प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्तियाँ रुकी हुई हैं।
30 अप्रैल 2024 को आया था परिणाम
आयोग ने इस भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 4 जनवरी 2023 को घोषित किया था, जबकि साक्षात्कार 12 मार्च 2024 को संपन्न हुए और अंतिम परिणाम 30 अप्रैल 2024 को आया था।
इसलिए नई भर्ती की तैयारी
सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण मामले का निराकरण करते हुए नये नियम बनाते हुए विभागों को रिक्त पदों को भरने के लिये निर्देशित कर दिया था। हालांकि यह मामला भी अदालत में विचाराधीन हो गया। बावजूद इसके सरकार द्वारा तय मापदंडों के अनुरूप विभाग रिक्त पदों की गणना करने लगे हैं। निराकरण होते ही इनकी पूर्ति का प्रस्ताव एमपीपीएससी और एमपीएसईबी को भेज दिया जाएगा।
