
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अब तक का सबसे अधिक मतदान दर्ज होना लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने राज्य की “पारदर्शी और समर्पित” चुनावी मशीनरी की सराहना की। उन्होंने कहा, बिहार ने देश को राह दिखाई है। एसआईआर में कोई आपत्ति नहीं आई। 1951 के बाद सबसे ज्यादा मतदान हुआ। सबसे साफ मतदाता सूची और लोगों का जोश देखने को मिला। पारदर्शी और मेहनती चुनाव व्यवस्था है। यह ‘लोकतंत्र की जीत’ है। चुनाव आयोग के लिए यह एक अद्भुत यात्रा रही है।
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर गुरुवार को हुए मतदान में करीब 64.4 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो राज्य का अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में, जब देश कोविड-19 महामारी की चपेट में था, मतदान प्रतिशत 57.29 प्रतिशत रहा था। इससे पहले 2000 के विधानसभा चुनाव में 62.57 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा 70.96 फीसदी वोट पड़े। उसके बाद समस्तीपुर (70.63 फीसदी) और बेगूसराय (68.26 फीसदी) रहे। बेगूसराय के बच्चवारा सीट पर सबसे अधिक 69.67 फीसदी मतदान हुआ। पटना जिले में कम सिर्फ 48.69 फीसदी वोटिंग रही। 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में बिहार में केवल 40.35 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो राज्य का सबसे कम रिकॉर्ड है। 1998 के संसदीय चुनावों में राज्य में अब तक का सबसे ज़्यादा 64.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा की शेष 122 सीटों पर मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवम्बर को की जाएगी।
