
- रवि खरे
हिंदू एकता पदयात्रा आज से, बाबा बागेश्वर बोले- हिंदुत्ववादी विचारधारा है तो साथ चलें
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में इंद्रप्रस्थ यानि दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिनी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुक्रवार सुबह नौ बजे रवाना होगी। साधु संतों द्वारा सौंपे गए धर्म ध्वज को आगे रखकर शुरू होने वाली इस पदयात्रा की शुरुआत से पूर्व देशभर से दिल्ली पहुंचने वाले महामंडलेश्वरों, आचार्यों के आशीर्वचनों की वर्षा के बाद राष्ट्रगान, हनुमान चालीसा का पाठ और हिंदू एकता की शपथ के कार्यक्रम होंगे। बागेश्वर महाराज ने कहा कि जो भी हिंदुत्ववादी विचारधारा का है, वह यात्रा में साथ चले, क्योंकि यह यात्रा किसी एक व्यक्ति की नहीं है सभी हिंदुओं की है। उन्होंने देश विदेश में रहने वाले हिंदुओं का आह्वान करते हुए कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक की यात्रा में कम से कम एक दिन के लिए वे अवश्य आएं। महाराज श्री ने कहा कि वे विवाद नहीं संवाद के माध्यम से आगे बढ़ना चाहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा पर लगे प्रतिबंध हटाए
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बृहस्पतिवार को सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा और उनकी सरकार के कुछ सदस्यों पर लगे प्रतिबंध हटाने के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह ऐतिहासिक फैसला उस समय आया है जब अल-शरा कुछ दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचने वाले हैं। इस प्रस्ताव के पक्ष में 14 सदस्य देशों ने मतदान किया, जबकि चीन ने वोटिंग से परहेज किया। अमेरिका के संयुक्त राष्ट्र राजदूत माइक वाल्ट्ज ने कहा कि यह फैसला सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत है। दिसंबर 2024 में असद शासन के पतन के बाद यह कदम सीरिया की नई राजनीतिक दिशा को मान्यता देता है। अमेरिका चाहता है कि राष्ट्रपति ट्रंप की मेजबानी में अहमद अल-शरा की यात्रा से दोनों देशों के बीच वर्षों से जमे तनाव खत्म हों। यह 1946 के बाद पहली बार होगा जब कोई सीरियाई राष्ट्रपति वाशिंगटन का दौरा करेगा।
अहम फैसला: भारत के बांग्लादेश सीमा पर तीन नए सैन्य ठिकाने
सेना ने सिलिगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए तीन नए सैन्य ठिकाने स्थापित किए हैं। सुरक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह ठिकाने बामुनी, किशनगंज और चोपड़ा में बनाई गई हैं। यह सभी स्थान बांग्लादेश सीमा के करीब और सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण सिलिगुड़ी कॉरिडोर के पास स्थित हैं। यह कदम पिछले दिनों पाकिस्तानी जनरल साहिर शमशाद मिर्जा की बांग्लादेश यात्रा के बाद बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के बीच उठाया गया है। पाकिस्तान की ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के मुखिया मिर्जा आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 24 अक्टूबर को बांग्लादेश पहुंचे थे। इस दौरे में उन्होंने बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज़-जमां से मुलाकात की थी और सैन्य सहयोग गहरा करने पर बातचीत की। मिर्ज़ा ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की थी। यूनुस ने मिर्जा को ‘आर्ट ऑफ ट्रायम्फ’ नाम की एक किताब भेंट की थी, जिसके कवर पेज पर छपे नक्शे में पूर्वोत्तर के हिस्सों को बांग्लादेश का भाग दिखाया गया था। बांग्लादेश के इस कदम के बाद देशभर में असंतोष था। देश की मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर से जोडऩे वाला संकरा भूभाग सिलिगुड़ी कॉरिडोर कहलाता है। संकरा होने के कारण इसे कई बार चिकन नेक भी कहा जाता है। कुछ स्थानों पर इसकी चौड़ाई केवल 21 किलोमीटर के आसपास है।
ट्रंप नीति: पासपोर्ट पर लिंग पहचान सीमित, ट्रांसजेंडर समुदाय में नाराजगी
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन को ऐसी नीति लागू करने की मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ट्रांसजेंडर और नॉनबाइनरी लोग (ऐसे लोग जो खुद को केवल पुरुष या महिला के रूप में नहीं पहचानते हैं) अब अपने पासपोर्ट पर अपनी लैंगिक पहचान खुद नहीं चुन पाएंगे। इस फैसले से पहले एक निचली अदालत ने आदेश दिया था कि सरकार लोगों को पासपोर्ट पर पुरुष, महिला या अन्य लिंग में से अपनी पहचान चुनने की अनुमति देती रहे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट के छह जजों की बहुमत वाली बेंच ने कहा, पासपोर्ट पर जन्म के समय का लिंग दिखाना, समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। यह देश के जन्मस्थान दिखाने जैसा ही है, सिर्फ एक तथ्यात्मक विवरण। तीन लिबरल जजों ने इस फैसले का विरोध किया।
