
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मतदाता सूची के जिस विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर पूरे देश में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं, वह मध्य प्रदेश में बिना तैयारी के शुरू करा दिया गया। इंदौर, जबलपुर, सागर, विदिशा, राजगढ़ सहित अधिकतर जिलों में अब तक एसआईआर के फॉर्म (गणना पत्रक) ही नहीं पहुंच पाए हैं। कलेक्टर परेशान हैं क्योंकि आयोग का दबाव है कि बीएलओ को जल्दी फॉर्म बांटे जाएं। इधर, जिन प्रिंटरों (प्रकाशकों) को फॉर्म छापने का काम दिया गया है, वह इसे कर ही नहीं पाएं हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी इसका कारण प्रिटिंग न होने और कहीं तकनीकी गलतियों को बता रहे हैं। उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय का कोई भी अधिकारी इस गंभीर मामले पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं और गेंद एक-दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। प्रदेश में 5.74 करोड़ मतदाता हैं। इन्हें बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को घर-घर जाकर गणना पत्रक देना है और भरवाकर वापस लेना है। यह काम चार नवंबर से चार दिसंबर तक पूरा किया जाना है।
नहीं हुआ है छपाई का काम पूरा
इसके लिए आवश्यक है कि समय से बीएलओ को गणना पत्रक मिल जाएं लेकिन अभी छपाई ही पूरी नहीं हुई है। इंदौर जिले में 2,625 बूथों में से छह सौ से अधिक बूथों पर ही प्रपत्र मिल सके। कलेक्टर शिवम वर्मा का कहना है कि दो-तीन दिन में प्रपत्र की छपाई पूरी होगी। मंदसौर जिले में दूसरे दिन भी काम प्रभावित हुआ। करीब 100 मतदान केंद्रों पर ही प्रपत्र पहुंचे। उज्जैन में साढ़े तीन लाख फॉर्म बांटे हैं और जब बाकी आ जाएंगे तो उन्हें बांटा जाएगा। खंडवा के उप जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश सावले का कहना है कि प्रपत्र प्रिंट होने की प्रक्रिया चल रही है। जैसे-जैसे उपलब्ध होते जा रहे हैं, बीएलओ तक पहुंचाए जा रहे हैं। धार जिले में कुछ स्थानों पर तकनीकी गलतियों के कारण प्रपत्र पहुंचने में दिक्कत आई है। नीमच जिले में महज 25 प्रतिशत प्रपत्र की आपूर्ति हो सकी। रतलाम जिले में 1,297 में से 150 बूथ के ही प्रपत्र आए हैं। महाकोशल क्षेत्र की बात करें तो डिंडौरी जिले में 6,55 मतदान केंद्रों में केवल 21 बीएलओ के लिए फॉर्म आए हैं। जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, दमोह में भी यही स्थिति रही। दमोह में 20 लाख फॉर्म की आवश्यकता के विरुद्ध मात्र एक लाख फॉर्म उपलब्ध हैं। कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि फॉर्म भोपाल से आने के कारण काफी परेशानी हो रही है। मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा का कहना है कि अभी पूरे फॉर्म नहीं आएं हैं, जैसे-जैसे आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे बीएलओ को वितरित किए जा रहे हैं। यही स्थिति मध्य क्षेत्र के जिलों की भी है। राजगढ़ जिले के किसी भी बीएलओ को बुधवार शाम तक गणना पत्रक ही नहीं मिल सका।
