
सभी जनजातीय सीटों पर जीत का टारगेट लेकर काम करें कार्यकर्ता: हेमंत
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पंकज टेकाम को बुधवार को प्रदेश कार्यालय में पदभार ग्रहण कराया। इससे पहले खंडेलवाल एवं टेकाम ने महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। पदभर ग्रहण समारोह में प्रदेशभर से आए जनजातीय समाज के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खंडेलवाल ने कहा कि कार्यकर्ता मप्र की सभी जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर काम करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा जनजातीय समाज के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने आजादी के 50 सालों तक सत्ता में रहने के बाद जनजातीयों की झोपड़ी तक नहीं बदल सकी थी। मैं आदिवासी बहुल बैतूल जिले का रहने वाला हूं। मेरा और मेरे परिवार का जनजातीय समाज के साथ पारिवारिक संबंध हैं।
ओंकारेश्वर अभ्यारण्य बनने से बदल गया प्रदेश के खंडवा और देवास जिलों का नक्शा
मध्यप्रदेश के दो जिलों का नक्शा बदल गया है। नए ओंकारेश्वर अभ्यारण्य के कारण यह परिवर्तन हुआ है। इसमें खंडवा और देवास जिलों का 611 वर्ग किमी का इलाका शामिल किया गया है। ओंकारेश्वर अभ्यारण्य में 52 टापू भी शामिल किए गए हैं। मप्र स्थापना दिवस पर इस नए अभयारण्य का उपहार मिला। मुख्यमंत्री ने आशा जताई है कि ओंकारेश्वर अभ्यारण्य वन्य जीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ओंकारेश्वर अभयारण्य क्षेत्र में तेंदुए, भालू, सांभर, हाइना, चीतल सहित कई प्रकार के जीव पहले से मौजूद हैं। अब यहां बाघों भी रहेंगे। ओंकारेश्वर अभ्यारण्य में असम से जंगली भैंसे और गैंडे लाने की योजना पर भी काम चल रहा है। सीएम मोहन यादव का कहना है कि प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को संरक्षित करनेए पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। मध्यप्रदेश जैव-विविधता में अग्रणी है।
गांवों में पहुंचे जिला अध्यक्ष, चर्चा कर जानी समस्याएं
पचमढ़ी में चल रहे जिला कांग्रेस अध्यक्षों के संगठन सृजन प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन जिला कांग्रेस अध्यक्षों एवं विधायकों ने पिपरिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया। इस दौरान जिला अध्यक्षों और विधायकों ने ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी वास्तविक समस्याओं को नजदीक से समझा, शासन की योजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन की स्थिति को जाना और ग्रामीण विकास की गति का आंकलन किया। उन्होंने पाया कि कई स्थानों पर योजनाओं का लाभ सीमित स्तर तक ही पहुंच पा रहा है, वहीं कुछ गांवों में मूलभूत सुविधाओं की गंभीर कमी देखी गई। इस पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी हर स्तर पर ग्रामीणों की आवाज को सशक्त रूप से उठाएगी और इन समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी।
एफएसओ के आधे से ज्यादा पद खाली, जांच सुविधाएं आधी-अधूरी
जहरीले कफ सीरप से मौत के बाद अब प्रदेश में दवा जांच तंत्र को मजबूत करने की कवायद जारी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में 211 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। दूसरी तरफ सरकार फूड लैब को भूल गई है। जांच की पर्याप्त सुविधाएं और निगरानी नहीं होने से खाने-पीने की चीजों में भी विषाक्तता की आशंका है। यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा। हाल यह है कि भोपाल की एक मात्र फूड लैब में माइक्रोबायोलॉजी जांच तक नहीं हो पा रही हैं। नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फार लैबोरेट्री, एनएबीएल प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण चार माह से सैंपलों की जांच नहीं हो पा रही थी। सरकार महत्वपूर्ण संसाधनों के लिए राशि के संबंध खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण पर निर्भर है। वर्ष 2011 में एफएसएसएआई के गठन के बाद माना जा रहा था कि खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता मजबूत हो जाएंगी, पर जैसा दावा था वैसा हुआ नहीं।
