- छह नामों पर मंथन तेज, अंशुल तिवारी का नाम लगभग तय
- गौरव चौहान

मध्यप्रदेश भाजपा में संगठनात्मक पुनर्गठन के अगले चरण में अब बारी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल नगरीय निकाय चुनाव से पहले संगठन की नई टीम का गठन पूरा कर लेना चाहते हैं, ताकि चुनावी तैयारी में युवा मोर्चा की भूमिका प्रभावी रूप से सामने आ सके। इसी उद्देश्य से प्रदेश में अब भाजयुमो के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इसी महीने में कभी भी नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। वर्तमान अध्यक्ष वैभव पंवार का तीन वर्षीय कार्यकाल सितंबर 2024 में पूरा हो चुका है। पार्टी सूत्रों के अनुसार शीर्ष नेतृत्व युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जिन छह नामों पर गंभीरता से विचार कर रहा है, उनमें अंशुल तिवारी, योगेंद्र सिंह ठाकुर, प्रवीण शर्मा, गजेंद्र तोमर, अंकित गर्ग और रंजीत चौहान शामिल हैं। प्रत्येक नाम को किसी न किसी वरिष्ठ नेता का समर्थन प्राप्त है। भाजयुमो का अध्यक्ष पद केवल संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भाजपा के भावी नेतृत्व की नर्सरी माना जाता है। पार्टी के कई वर्तमान विधायक, सांसद और मंत्री इसी पद से आगे बढ़े हैं।
किसने, किसका नाम सुझाया
पार्टी सूत्रों के अनुसार युवा मोर्चा अध्यक्ष के लिये संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने अंशुल तिवारी और योगेंद्र सिंह ठाकुर का नाम आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रवीण शर्मा का नाम प्रस्तावित किया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने गजेंद्र तोमर और अंकित गर्ग के नाम दिये है। वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रंजीत सिंह चौहान का नाम सुझाया है।
सामान्य वर्ग से चयन की संभावना
संगठनात्मक संतुलन को ध्यान में रखते हुए इस बार सामान्य वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की संभावना जताई जा रही है। ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों को पहले ही संगठन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल चुका है। इसलिए संकेत हैं कि किसी सक्रिय, जमीनी और संगठननिष्ठ सामान्य वर्ग के युवा कार्यकर्ता पर सहमति बन सकती है।
क्या है क्रइटेरिया
– आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
– कम से कम 5 वर्ष तक भाजयुमो या भाजपा संगठन में सक्रिय भूमिका अनिवार्य है।
– प्रदेश अध्यक्ष तीन नामों का पैनल राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजते हैं, अंतिम निर्णय केंद्र से होता है।
– कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, पुनर्नियुक्ति संगठन की स्वीकृति पर निर्भर करती है।
– संगठन निष्ठा, सक्रियता और जनसंपर्क क्षमता चयन में प्रमुख आधार मानी जाती है।
