बिहार की 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर मप्र के नेताओं का फोकस

भाजपाई
  • एनडीए को जीताने…मोर्चे पर मप्र के भाजपाई

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की 121 सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया है। कल इन सीटों पर मतदान होगा। वहीं 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। बिहार में हो रहे इस विधानसभा चुनाव में भाजपानीत एनडीए का जीताने और प्रदेश में सरकार बनवाने के लिए चुनावी मोर्चे पर मप्र भाजपा के करीब एक दर्जन दिग्गज नेताओं ने जिम्मेदारी संभाल रखी है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्टार प्रचारक के तौर पर चुनावी सभाओं के जरिए भाजपा और एनडीए के प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं, वहीं मप्र के दिग्गज भाजपाई चुनावी रणनीति बनाने के साथ मतदाताओं के बीच पहुंचकर उन्हें साध रहे हैं। मप्र भाजपा के नेता 100 से अधिक सीटों पर फोकस किए हुए हैं।
देशभर की निगाहें इन दिनों बिहार चुनाव पर लगी हैं। यहां भाजपा-जदयू के एनडीए गठबंधन और राजद-कांग्रेस के महागठबंधन के बीच इस बार भी कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। बिहार जीतने के लिए भाजपा बहुत बेताब है। गौरतलब है कि मप्र भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर तैयारी डेढ़ महीने पहले से शुरू कर दी थी। राजधानी सहित प्रदेश के कई शहरों में बिहारी वोटर्स रहते हैं। मप्र में रहने वाले बिहार के वोटर्स की जानकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जुटाई है। भाजपा कार्यकर्ताओं को इनके घर-घर जाने की जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा कार्यकर्ताओं मप्र में रहने वाले बिहारी वोटर्स के मोबाइल नंबर तक लिए हैं। इन मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है। इनकी पूरी सूची बिहार चुनाव में तैनात मप्र के नेताओं को उपलब्ध कराई गई है।
अलग-अलग विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी
मप्र भाजपा के दिग्गज नेता इन दिनों बिहार चुनाव विधानसभा चुनाव की कमान संभाले हुए हैं। प्रदेश के नेताओं को अलग-अलग विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिन नेताओं को बिहार चुनाव में जिम्मेदारी मिली है, वे सभी नेता बिहार में ही संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। बिहार की 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर इन नेताओं का फोकस है। नेताओं ने बिहार विधानसभा क्षेत्र की संबंधित सीटों पर अपना गुणा गणित बैठाना शुरू कर दिया है। रोजाना कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है। सभाओं को संबोधित किया जा रहा है। मतदाताओं की जानकारी तक जुटाई जा रही है। क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने का काम प्रदेश नेताओं को सौंपा गया है। भाजपा संगठन स्तर पर भी इसकी तैयारी में जुटा हुआ है।
जोन में बांटकर सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने अपनी चुनाव रणनीति के तहत बिहार को विभिन्न जोन में बांटा है, और मध्य प्रदेश के नेताओं को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार जिम्मेदारी सौंपी गई है। कई नेता पहले से ही बिहार में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। इस सूची में मध्य प्रदेश से दो प्रमुख नेता शामिल हैं – केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और सीएम डॉ. मोहन यादव। मोहन यादव लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बिहार चुनाव में मप्र भाजपा के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार चुनाव के लिए भाजपा ने पांच जोन में बांटा है। प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को मिथिला और तिरहुत जोन में 12 जिलों की 50 सीटें और 10 लोकसभा सीटें कवर करनी है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा बेगूसराय क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को सारण और चंपारण क्षेत्र की करीब 45 विधानसभा सीटों का जिम्मा मिला है। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग को सिवान, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया को गोपालगंज, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को गया, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल को खगडिय़ा और पूर्व सांसद केपी यादव को समस्तीपुर सीट की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा आलोक, शर्मा सत्येंद्र भोषण, नरोत्तम मिश्रा भी सभाएं संबोधित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की बिहार में काफी डिमांड
बिहार में विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव की डिमांड काफी है। इसको देखते हुए यादव बिहार में लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी की उम्मीदों पर डा. मोहन यादव काफी हद तक खरे उतरे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार किया। अच्छे परिणाम में बड़ा योगदान किया। डा. मोहन यादव श्रीराम मंदिर को लेकर कांग्रेस को घेरते तो हैं ही, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर यादवों के नाम पर राजनीति करने वालों को सीधे निशाने पर रखते हैं। उनकी अलग शैली उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के लिए चुनौती बनी तो अब बिहार में लालू यादव के परिवार की राह मुश्किल कर रही है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान भी बिहार में खासे चर्चित हैं। उन्होंने मखाने की खेती को प्राथमिकता देते हुए इसके किसानों के लिए बेहतरीन प्रयास कर अलग पहचान बना ली है। शिवराज सिंह चौहान की किसान और गरीबों के लिए संवेदनशील छवि की अलग पहचान है, जिससे बिहार में भाजपा लाभ उठा रही है। राजनीतिक मोर्चे पर भी, भाजपा की बिहार की चुनावी मुहिम में मध्य प्रदेश का बड़ा योगदान है। कई मप्र भाजपा नेताओं को बिहार के विभिन्न क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। बिहार के नक्शे को अलग-अलग जोन में बांटा गया है, और मप्र के भाजपा नेता जमीनी स्तर पर चुनावी क्षेत्रों को संभाल रहे हैं।

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