किराए के आंगन में खेल-पढ़ रहे नौनिहाल

नौनिहाल
  • मप्र में  26 हजार से अधिक आंगनबाडिय़ों के पास नहीं अपना भवन

गौरव चौहान//बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। मध्यप्रदेश में नौनिहाल अब भी किराये के आंगन में खेलने व पढऩे को मजबूर हैं। दरअसल प्रदेश के 55 जिलों में 26 हजार 583 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के घरों में संचालित किए जा रहे हैं। इनमें व्यवस्थाएं भले आधी-अधूरी हों, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग को तीन से चार हजार रुपये किराया प्रतिमाह चुकाना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि विभाग के पास केंद्र संचालित करने के लिए खुद के भवन नहीं हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने पूर्व में आंगनबाड़ी केंद्रों को खुद के भवनों में संचालित करने के साथ ही प्ले स्कूल में बदलने की योजना बनाई थी। यह योजना अब अधिकारियों की अनदेखी से फाइलों में बंद हो गई है। प्रदेश के 55 जिलों में कुल 97,791 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 26,583 आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं। वहीं 37,500 केंद्र बिजली विहीन हैं। यानी प्रदेश में आज की तारीख में एक चौथाई से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन हैं।
25,239 केंद्रों के निर्माण का प्रस्ताव तैयार
भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने 25 हजार 239 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को लेकर प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव के अनुसार वित्तीय वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक हर साल 3 हजार नए आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जाएगा। एक आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण पर करीब 10 लाख रुपए खर्च होंगे। जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनीटरिंग के लिए महिला-बाल विभाग की ओर से ट्रैकिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस सिस्टम से यह पता चल सकेगा कि आंगनबाड़ी केंद्र महीने में कितने दिन संचालित रहा। सितंबर, 2025 के आंकड़ों के अनुसार 97,791 में से 99.11 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र 21 से 24 दिन तक खुले, जबकि 91.16 प्रतिशत केंद्र महीने में 25 दिन से अधिक खुले रहे। पिछले दिनों महिला-बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने विभागीय समीक्षा बैठक की थी। बैठक में अधिकारियों ले उन्हें नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के निर्माण के संबंध में जानकारी दी थी। आयुक्त महिला-बाल विकास निधि निवेदिता ने बैठक में बताया कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के 14,649 आंगनबाड़ी केंद्र और शहरी क्षेत्र में 11,934 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित हैं। पीएम जनजातीय न्याय महाअभियान के तहत 605 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन शुरू किया गया है और 217 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि 11,786 आंगनबाड़ी केंद्रों को सरकारी भवनों में ट्रांसफर किया गया है और 21,954 एक कमरे वाले केंद्रों को सुविधायुक्त भवनों में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही बिजली विहीन केंद्रों में बिजली सप्लाई करने के लिए पांच साल में हर साल 7,500 केंद्रों को विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
छोटे भवनों में ठीक से नहीं बैठ पाते बच्चे
महिला-बाल विकास के अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में जानकारी एकत्रित की, तो सामने आया कि किराये के कई भवनों का आकर छोटा होने से बच्चे इनमें ठीक से बैठ नहीं पाते। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतर किराये के भवनों की स्थिति ठीक नहीं है। इसे देखते हुए विभाग ने नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की योजना की तैयार की है। विभाग के कई आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की स्थिति ठीक नहीं है, उनके रेनोवेशन की जरूरत है। महिला-बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लागत ज्यादा होने के कारण एक साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण करना संभव नहीं है, इसलिए आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक मप्र में 97 हजार 791 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से करीब 85 हजार आंगनबाड़ी और 12 हजार 670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं। महिला-बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 26,583 आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित हैं, जिनमें से 14,649 ग्रामीण और 11,934 शहरी क्षेत्र में स्थित हैं। भोपाल में कुल 1872 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 900 से ज्यादा केंद्र किराये के भवनों में संचालित हैं। इंदौर और ग्वालियर जिले में भी आधे आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवनों में संचालित हैं।

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