राहुल गांधी का ‘बम’ मप्र में फुस्स!

राहुल गांधी
  • कल से शुरू होगा एसआईआर लेकिन अब तक नहीं बने कांग्रेस के बूथ एजेंट

भोपाल/ बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) ‘बम’ मप्र में फुस्स होता दिख रहा है। मतदाता सूची को लेकर राहुल गांधी ने कई बड़े आरोप लगाए लेकिन मध्यप्रदेश संगठन इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। दरअसल कल से मध्यप्रदेश में एसआईआर शुरू होगा लेकिन अबतक कांग्रेस के बूथ एजेंट नहीं बने है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अब तक 193 विधानसभा क्षेत्र में बूथ लेवल एजेंट ही नहीं बन पाई है। 230 विधानसभा में सिर्फ 37 विधानसभा में बीएलए बने है। बीएलए के नाम नहीं आने के बाद संगठन ने 8 नवंबर की डेडलाइन तय की है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा। घर-घर जाकर बीएलओ जानकारी जुटाएंगे। प्रत्येक बीएलओ पर करीब 1200 मतदाताओं की जिम्मेदारी रहेगी। एक-एक मतदाता के पास पहुंचकर जानकारी जुटाई जाएगी।
गौरतलब है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर कांग्रेस ने बिहार सहित पूरे देश में हल्ला मचाया। वोट चोरी का आरोप लगाकर इसके विरोध में रैलियां निकालीं लेकिन हकीकत यह भी है कि पार्टी संगठन इसे लेकर गंभीर नहीं है। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची में सुधार करवाने के लिए कांग्रेस बूथ लेवल एजेंट ही नहीं बना पाई है। जबकि, पार्टी नेता राहुल गांधी का पूरा फोकस मतदाता सूची में होने वाली कथित गड़बड़ी रोकने पर है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इस काम को प्राथमिकता देने के निर्देश पर अब प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों से कहा है कि आठ नवंबर तक हर हाल में बीएलए नियुक्त करके सूची भेजी जाए ताकि उन्हें प्रशिक्षित कर मतदाता सूची के सुधार कार्य में लगाया जा सके। उधर, भाजपा ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिकतर बूथों पर एजेंट नियुक्त कर सूची आयोग को भेज दी है।
केवल प्रदर्शन तक सीमित रहा अभियान
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू किया और बिहार में जब चुनाव आयोग ने एसआईआर किया तो पार्टी विरोध में सडक़ों पर आ गई। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोर-गद्दी छोड़ अभियान शुरू किया। मध्य प्रदेश कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही। मतदाता सूची की पड़ताल करने के लिए विधानसभा स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर दिए। प्रशिक्षण भी दे दिया लेकिन जिन बीएलए को मैदानी काम करना है, उन्हें नियुक्त ही नहीं किया गया। जबकि, तीन माह से संगठन महामंत्री संजय कामले इसके लिए लगातार निर्देश दे रहे हैं। इस बीच, सभी जिला अध्यक्षों का आवासीय प्रशिक्षण रविवार से नर्मदापुरम जिले के पर्यटन स्थल पचमढ़ी में प्रारंभ हो गया। अब 10 दिन वे वहीं रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर निर्देश दिए हैं कि आठ नवंबर तक बीएलए नियुक्त कर दिए जाएं। निर्वाचन आयोग ने इस बार बीएलए की फोटो भी मांगी है ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके। एजेंटों का काम मतदाता सत्यापन के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ घर-घर जाना और दावा-आपत्ति करने का होता है।
प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में भी पिछड़े
जिला प्रभारी को दिए गए निर्देश बीएलए नियुक्त कर सूची भेजें। पार्टी बीएलए की होती है जिम्मेदारी बीएलओ के साथ घर-घर जाकर दावा आपत्ति करना होता है। नियुक्ति के बाद इलेक्शन कमीशन को बीएलए की सूची सौंपी जाएगी। इस बार इलेक्शन कमीशन ने बीएलए की फोटो भी मांगी है ताकि पहचान सुनिश्चित हो सके। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले में भी पिछड़े पार्टी भोपाल में भी अभी तक काम अधूरा है। भोपाल में केवल मध्य क्षेत्र की सूची प्राप्त हुई है। छिंदवाड़ा, ग्वालियर, खरगोन, छतरपुर, नर्मदापुरम जिले में बीएलए की नियुक्ति का काम पूरा हो गया है।

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