- मप्र के मंत्रियों के काम का आकलन करेंगे मुख्यमंत्री
- गौरव चौहान

मप्र में आगामी समय में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। क्योंकि मप्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार बने करीब दो साल होने वाले हैं। ऐसे में प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री का कहना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले मंत्रियों के दो साल के कार्यकाल का आकलन किया जाएगा। उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार का खाका तैयारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के ठीक दो साल पहले गुजरात में मंत्रिमंडल विस्तार ने आकार लिया है। मुख्यमंत्री को छोडकऱ पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा लिया गया। जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस खराब थी, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ऐसे में अब मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के कयासों का दौर लगातार जारी है। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी सरकार के मंत्रियों व विधायकों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करके विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। विभागवार मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा और इसके आधार पर मंत्रियों के कामकाज की ग्रेडिंग तय होगी। जल्द ही मंत्रियों के साथ बैठक का दौर शुरू करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री जिस तरह से मंत्रियों के कामकाज पर नजर बनाए हुए हैं उससे मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा अपने मंत्रियों के कामकाज की रिपोर्ट तैयार कराने के बाद इसकी प्रबल संभावना देखी जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ विधायकों और नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है।
राज्य और केंद्र मिलकर लेंगे फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि भाजपा अखिल भारतीय पार्टी है। ऐसे कोई भी फैसले केंद्र और राज्य की इकाई मिलकर करते हैं। भाजपा में ये अधिकार हाईकमान के पास है। मंत्रिमंडल मेरा होता है, पर कोई भी फैसला केंद्र और राज्य इकाई मिलकर लेती है। दो साल पूरा होने पर हम अपने मंत्रियों के परफार्मेंस का रिव्यू करेंगे। कई मंत्री नए हैं। कुछ अनुभवी हैं। ये सही है कि दो साल के काम की समीक्षा करनी ही चाहिए। इससे काम सुधारने का मौका मिलेगा।
मेट्रोपालिटन का प्लान लचीला
मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश का संतुलित विकास हो इस पर सरकार का फोकस है। वह कहते हैं कि मेट्रोपॉलिटन के साथ मास्टर प्लान आएगा। मास्टर प्लान के साथ मेट्रोपॉलिटन सिटी का प्लान जोड़ रहे हैं। ये अलग-अलग नहीं हैं। अलग प्लान पर बाद में मुश्किलें आएंगी। मेट्रोपालिटन का प्लान लचीला रखा है। नगर निगम अपना काम करेगा। एक से दूसरे जिले की रोड, सीवरेज लाइन, पेयजल लाइन, इंडस्ट्री में परेशानी न हो, इसके लिए मेट्रोपॉलिटन व मास्टर प्लान को जोड़ रहे हैं। शहर की सीमा खत्म होते ही पंचायत क्षेत्र आ जाता है। ऐसे में पुराने प्लान में कई जगह भवन तोडकऱ रास्ते बनवाने पड़ते थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि, प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार है। प्रदेश में लागू होने वाले नदी जोड़ो अभियान से प्रदेश के सिंचित क्षेत्र में पर्याप्त वृद्धि होगी और मध्यप्रदेश कृषि विकास व किसान कल्याण में स्वर्णिम अध्याय लिखेगा। कृषकों को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर सिंचाई पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस पहल से किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उद्यमिता को भी निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में वन्य जीव सम्पदा में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रदेश में गत वर्ष शुरू किये गये 2 टाईगर अभयारण्य, चीता अभयारण्य के साथ जंगली भैंसे और गैंडे जैसे जीवों की संख्या बढ़ाते हुए वन और वन्य जीवों पर केन्द्रित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। इस गतिविधियों से वनांचल में रोजगार के अवसर भी निर्मित हो रहे हैं। प्रदेश में नई रेल लाईनों का भी निरंतर विस्तार हो रहा है, इंदौर-मनमाड़ ट्रेन के आरंभ होने से मालवा और निमाड़ में व्यापार-व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा। जनसहभागिता से प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेशवासी अपने परिश्रम और निष्ठा से समृद्धि और सफलता के नए द्वार खोलेंगे। विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य प्राप्ति में मध्यप्रदेश हरसंभव योगदान देगा।
2 लाख भर्तियां होंगी
मुख्यमंत्री का कहना है कि मैंने एक लाख सरकारी नौकरी का वादा किया था। 60 हजार को नौकरी हम दे चुके। अगले एक साल में 40 हजार सरकार नौकरी हम देंगे…ये गारंटी है। उद्योगों व अन्य क्षेत्रों में रोजगार अलग है। ओबीसी आरक्षण मामले में उनका कहना है कि हमने समाधान ढूंढने की कोशिश की। कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा है। अगर समाधान निकल आता है तो दो लाख नए पदों पर भर्ती संभव होगी। क्योंकि, इसके कारण प्रमोशन भी प्रभावित है। जैसे ही प्रमोशन होंगे, जगह बनेगी और भर्तियों के रास्ते खुलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए वर्ष 2025 को निवेश और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में 60 हजार सरकारी पदों पर भर्तियां की जा चुकी हैं। प्रधामनंत्री मित्र पार्क, भोपाल के पास रायसेन जिले के उमरिया गांव में आ रही रेल कोच फैक्ट्री से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। अगले 3 वर्षों में 2 लाख शासकीय नौकरियां उपलब्ध कराईं जाएंगी।
