कार्यकारिणी में संघ का दबदबा 13 को फिर दिया मौका

  • उपाध्यक्ष, महामंत्री और मंत्री के पद हुए कम, अधिकांश आरएसएस से जुड़े नेताओं को मिला चांस
  • गौरव चौहान
संघ का दबदबा

तीन महीने से अधिक समय बाद प्रदेश अध्यक्ष हेमत खंडेलवाल की टीम में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ख्याल रखा गया है। वहीं इस टीम को बेहद छोटा करके यह संदेश दिया गया है कि नए अध्यक्ष भीड़ के बजाए काम करने वाले चेहरों पर फोकस करेंगे। नई टीम में संघ से भाजपा में आए या संघ से गहरा नाता रखने वाले नेताओं को खास महत्व मिला है। वहीं कुछ नेताओं की वापसी हुई है तो कुछ को पहले की तरह यथावत रखा गया है। वीडी शर्मा की टीम में 15 प्रदेश उपाध्यक्ष, पांच प्रदेश महामंत्री और 12 प्रदेश मंत्री थे। इस चार इनकी संख्या घटा दी गई है। नई टीम में केवल नी उपाध्यक्ष, चार प्रदेश महामंत्री और नौ प्रदेश मंत्री रखे गए हैं। इसी तरह इस बार सह कोषाध्यक्ष भी किसी को नहीं बनाया गया है। वीडी शर्मा की टीम में कई सांसद और विधायकों को मौका दिया था। सासद और विधायकों को मौका इस बार भी दिया गया है पर इनकी संख्या बेहद कम है। सांसदों में केवल सागर की लोकसभा सांसद लता वानखेड़े और राज्यसभा सदस्य सुमेर सोलंकी को मौका मिला है तो विधायकों में प्रभुराम चौधरी और मनीषा सिंह को स्थान दिया गया है। इसके अलावा बीड़ी शर्मा की टीम में पदाधिकारी रहे अधिकाश नेता अब विधायक सांसद बन गए हैं। इसलिए उन्हें मौका नहीं मिला है। विधायक हरीशंकर खटीक मंत्री पद के दावेदार थे, पर मंत्रिमंडल में जगह न मिल पाने से उन्हें प्रदेश महामंत्री बनाया गया था इस बार उन्हें भी मौका नहीं मिला है। उनकी जगह आदिवासी चेहरे सुमेर सिंह को जगह दी गई है। पिछली बार प्रदेश महामंत्री रहे रणवीर सिंह रावत को इस बार उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। रजनीश अग्रवाल को महामंत्री बनाए जाने की चर्चा थी पर वे फिर से मंत्री पद पर यथावत रखे गए हैं। हेमंत खंडेलवाल की नई टीम में संघ से जुड़े जिन नेताओं को मौका दिया गया है उनमें शैलेन्द्र बरुआ, श्याम महाजन, निशांत खरे, श्याम महाजन नंदिता पाठक, सुरेन्द्र शर्मा, जयपाल सिंह चावड़ा प्रमुख है। इनमें श्याम महाजन, शैलेन्द्र बरूआ और जयपाल सिंह पूर्व में संगठन मंत्री रह चुके हैं। श्याम महाजन को प्रदेश कार्यालय मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, आशीष उषा अग्रवाल को उनके बेहतर काम का पुरस्कार मिला है। वे मीडिया प्रभारी के पद पर यथावत रहेंगे।  वीडी शर्मा के जमाने में हटाए गए राजेन्द्र सिंह की फिर से वापसी हो गई है। वे प्रदेश मंत्री बनाए गए हैं। राजेन्द्र सिंह को शिवराज सिंह का नजदीकी माना जाता है। वे पिछले लंबे समय प्रदेश कार्यालय की व्यवस्थाएं देखते रहे हैं। छतरपुर की दो बाद नगरपालिका अध्यक्ष रही अर्चना सिंह की प्रदेश मंत्री बनाया गया है। अर्चना 2018 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ी भी पर बेहर कम मार्जिन से हार गई थी। पार्टी ने इस बार उनकी जगह फिर से ललिता यादव को टिकट दिया। प्रदेश उपाध्यक्ष बनाई गई नंदिता पाठक भी टिकट की दावेदार थीं। वे संघ की बेहद नजदीकी हैं। उनके पति भरत पाठक भी लंबे समय से संघ और उससे जुड़े अनुशांगिक संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए निशांत खरे भी संघ से जुड़े हैं। इंदौर के निशांत पूर्व में युवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रभूलाल जाटव पिछली कार्यकारिणी में प्रदेश मंत्री थे। इस बार उन्हें प्रमोट करते हुए उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही भाजपा ने अपने छह में से चार मोचों के अध्यक्ष का भी ऐलान कर दिया है। इसमें महिला मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्षों के नए नाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं।
यह है नई टीम
प्रदेश उपाध्यक्ष- रणवीर रावत, कांतदेव सिंह, प्रभुराम चौधरी, शैलेन्द्र बरूआ, मनीषा सिंह, डॉक्टर नंदिता पाठक सुरेन्द्र शर्मा, निशांत खरे, प्रभूलाल जाटव ।
महामंत्री- लता वानखेड़े, सुमेर सोलंकी, राहुल कोठारी, गौरव रणदिवे।
प्रदेश मंत्री- रजनीश अग्रवाल, लोकन्द्र पाराशर, जयदीप पटेल, क्षितिज भट्ट, संगीता सोनी, राजेन्द्र सिंह, अर्चना सिंह, राजो मालवीय, बबिता परमार।
कोषाध्यक्ष: अखिलेश जैन
कार्यालय मंत्री: श्याम महाजन
प्रदेश मीडिया प्रभारी: आशीष ऊषा अग्रवाल

मोर्चा अध्यक्ष
किसान मोर्चा जयपाल सिंह चावड़ा
एससी मोर्चा भगवान सिंह परमार
एसटी मोर्चा पंकज टेकाम
पिछड़ा वर्ग मोर्चा पवन पाटीदार

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