बिलखिरिया रोड मामला… सडक़ धंसने का जिम्मा किसान-ठेकेदार पर मढ़ा

बिलखिरिया रोड

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल पूर्वी बायपास पर बिलखिरिया रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज के पास सडक़ धंसने की घटना के बाद मरम्मत कार्य शुरू हो गया है। इस सडक़ की मरम्मत 10 दिनों में पूरा करने का दावा किया जा रहा है। इधर, मप्र रोड डलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने घटना की प्राथमिक जांच पूरी कर ली है। रिपोर्ट में सडक़ धंसने की जिम्मेदारी किसानों पर मढ़ दी गई। कहा गया कि उन्होंने मिट्टी की खुदाई की, जिससे पानी भरा और सडक़ धंस गई। यही नहीं, प्राथमिक जांच में यह भी लिखा गया है कि ठेकेदार ने आरई वॉल का निर्माण तय मापदंड अनुसार नहीं किया। जो मिट्टी उपयोग की गई, उसकी गुणवत्ता खराब थी। इम्बैंकमेंट यानी ढलान को टेक देने के लिए जो दीवार बनाई जाती है, उसमें जरूरत के हिसाब से स्टोन पिचिंग का काम नहीं किया गया था। इस वजह से पानी का रिसाव हुआ और मिट्टी कमजोर पड़ गई। उधर, घटनास्थल के आसपास के किसानों ने अफसरों की इस रिपोर्ट को झूठा करार दिया हैै। चोपड़ा गांव के किसान मोहन सिंह ने कहा कि किसानों ने मिट्टी खोदी नहीं, बल्कि खुद गड्ढे भरे हैं। किसी अफसर ने यहां कभी मेंटेनेंस नहीं किया।
6 दिन बाद आएगी फाइनल रिपोर्ट
फाइनल रिपोर्ट के लिए कार्पोरेशन ने तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की जांच समिति गठित कर दी है। निर्माण में जो मिट्टी उपयोग में लाई गई, उसके सैंपल केंद्रीय प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग भेज दिए गए हैं। छह दिन बाद फाइनल रिपोर्ट आएगी। बताया जा रहा है कि सडक़ का पिछले छह महीने में भोपाल के संभागीय प्रबंधक सोनल सिन्हा और सहायक महाप्रबंधक संजीव जैन ने निरीक्षण किया था। सिन्हा ने बताया कि हमने यह ब्रिज भी देखा था, लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं लगा। 2023 में भी निरीक्षण किया गया था।
जांच रिपोर्ट को लेकर क्या कहा
एमपीआरडीसी ने बताया कि बायपास मार्ग की निगरानी नियमित रूप से की जाती है, और धंसे हुए हिस्से की मरम्मत का कार्य 10 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। बता दें वर्ष 2023 में रोड असेट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत बड़े पुलों और सडक़ों का सर्वे भी किया गया था। अब निगम जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की जवाबदेही तय की जाएगी। अब सबकी निगाहें एमपीआरडीसी की जांच समिति की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में निगम को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट से साफ होगा कि सडक़ धंसने के पीछे लापरवाही किस स्तर पर हुई- ठेकेदार, कंसल्टेंट या विभागीय अधिकारी, और कौन इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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