अब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं

  • मप्र में नई ईवी पॉलिसी लागू हुए 6 महीने बीते

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्य प्रदेश में 6 माह पहले इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 लागू कर दी गई है। इलेक्ट्रानिक व्हीकल (ईवी) चार्जिंग एवं सर्वि सेंटर के लिए विकास मापदंड निर्धारित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। लेकिन विडंबना यह है कि अब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में ईवी पॉलिसी-2025 को 27 मार्च को लागू किया गया है। इसके बाद उसकी गाइडलाइन भी जारी हो गई है। लेकिन अभी तक ईवी तरंग पोर्टल नहीं बन पाया है। इससे नागरिकों को यह जानकारी ही नहीं मिल पा रही है कि प्रदेश में कितने चार्जिंग स्टेशन हैं और वे कहां पर हैं। इसके लिए गूगल आदि का सहारा लेना पड़ रहा है लेकिन कई बार यह जानकारी पूरी तरह गलत भी निकल जाती है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी लागू हुए 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन इसके क्रियान्वयन के लिए बनाए जाने वाला एमपी ईवी तरंग पोर्टल अभी तक नहीं बन पाया है। इससे प्रदेश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं हो पा रहा है। इसके साथ पॉलिसी में तय रेट्रोफिटिंग सहित अन्य काम भी अटक रहे हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के आवेदन और उसके लिए पॉलिसी में तय इंसेंटिव आदि क्रियाकलाप इस पोर्टल के माध्यम से ही किए जाने हैं। अभी तक ईवी वाहनों की खरीदी पर केवल रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट का ही लाभ मिल पा रहा है। जबकि नई नीति के तहत घोषणा की गई है कि सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशनों के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। राजमार्गों, प्रमुख सडक़ों पर प्रत्येक 25 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन, राजमार्गों पर प्रत्येक 100 किलोमीटर पर लंबी दूरी/ हेवी-ड्यूटी इलेक्ट्रिक वाहन के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन (दोनों तरफ) लगाए जाएंगे। प्रत्येक एक किमी बाई, एक किमी ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन होगा। नीति अवधि के अंत तक सभी पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट लगाया जाएगा। ईवी चार्जिंग एवं सर्विस सेंटर ऐसी सडक़ पर स्थापित नहीं किए जाएंगे जिन पर राइट ऑफ वे 30 मीटर से कम हो। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को चार्जिंग स्टेशन लगाने पर विशेष छूट दी जाएगी।
पोर्टल के अभाव में सुविधाएं अटकी
एमपी ईवी तरंग पोर्टल से मिलने वाली सुविधाएं अटकी हुई हैं। व्यावसायिक संगठनों को अपने टू-व्हीलर कमर्शियल फ्लीट के इलेक्ट्रिफिकेशन की जानकारी पोर्टल बताना है। पॉलिसी में डीजल-पेट्रोल वाले पुराने वाहनों को ईवी में बदलने के लिए रेट्रोफिटिंग और उससे संबंधित इंसेंटिव के प्रावधान किए गए हैं। पोर्टल से ही रेट्रोफिटिंग करने वालों का पंजीयन होना है। ईवी चार्जिंग के लिए चार्जिंग प्वाइंट ऑपरेटर और बैटरी स्वैपिंग ऑपरेटर्स का पंजीयन भी पोर्टल के माध्यम से होना है। चार्जिंग स्टेशनों को सुरक्षा संबंधी सर्टिफिकेट दिया जाना है।पब्लिक चार्जिंग स्टेशन इंसेंटिव आवेदन पोर्टल से करना है। चार्जिंग स्टेशन के बाद पोर्टल पर जानकारी देना अनिवार्य है। रहवासी सोसायटियों को भी परिसर में चार्जिंग स्टेशन की जानकारी पोर्टल पर देनी है। चार्जिंग स्टेशन का एप्लीकेशन भी इसी से जमा होना है। ईवी पॉलिसी के मूल्यांकन और शोध का डेटा पोर्टल से मिलेगा। ईवी स्किल डेवलपमेंट इनीशिएटिव के तहत कोर्स शुरू कर पोर्टल पर जानकारी देनी है। एसीएस नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे का कहना है कि ईवी पॉलिसी की गाइडलाइन जारी हो गई है। एमपी ईवी तरंग पोर्टल को भी जल्द शुरू किया जाएगा। पॉलिसी में तय सभी सुविधाएं और सेवाएं देना शुरू कर दिया गया है।

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