मिसाइल और ड्रोन हमलों से रूस में गैस की भारी कमी: जेलेंस्की

जेलेंस्की

कीव। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन नई लंबी दूरी के मिसाइल और ड्रोन हमलों से रूसी तेल सुविधाओं को निशाना बना रहा है, जिससे वहां गैस की भारी कमी हो गई है। वहीं, जंग के मैदान में यूक्रेन के हालिया जवाबी हमले ने रूस की डोनेत्सक क्षेत्र के पूर्वी हिस्से को कब्जे में लेने की योजना को नाकाम कर दिया है। जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन की नई पल्यान्यत्स्या मिसाइल ने रूस के दर्जनों सैन्य डिपो (हथियारों के गोदाम) को निशाना बनाया है। इसके अलावा ‘रूता’ ड्रोन ने हाल ही में ढाई सौ किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित एक रूसी समुद्री तेल सुविधा पर हमला कर चुका है। जेलेंस्की ने इस नए हथियार को बड़ी कामयाबी बताया है।

उन्होंने कहा कि ल्यूटी और फायर प्वाइंट जैसे लंबी दूरी के ड्रोन ने रूसी उर्जा केंद्रों को निशाना बनाया है। अभियान में 300 ड्रोन एक साथ दागे गए। इसके अलावा, यूक्रेन की सेना ने हाल ही में रूस के खिलाफ नेपच्यून और फ्लेमिंगो नाम की मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया है। यूक्रेनी नेता ने आगे कहा कि रूस में गैस की कमी और आयात में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि यूक्रेन के हमले प्रभावी साबित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, खास बात यह है कि रूस अब गैस का आयात कर रहा है। यह एक संकेत है। यूक्रेनी खुफिया रिपोर्ट से पता चलता है कि रूस ने बेलारूस से आयात को छह गुना बढ़ा दिया है और आयात शुल्क हटा दिए हैं। साथ ही वह अब चीन से भी गैस मांग रहा है। जेलेंस्की ने कहा, हमारे आंकड़ों के मुताबिक उन्होंने (रूस) हमारे हमलों के बाद अपने गैस की आपूर्ति का करीब 20 फीसदी हिस्सा खो दिया है। रूसी अधिकारियों ने गैस की संभावित कमी को लेकर अभी तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।

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