- मिशन मोड में करें काम, गांव में बिताएं रात
- गौरव चौहान

राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आज दूसरे दिन कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस चल रही है। इस कॉन्फ्रेंस में पहले दिन जिलों के अधिकारियों को 1 साल 3 माह के लिए काम के टारगेट सौंपे गए हैं। दिन भर चली बैठक में पहले दिन स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, स्वशासन, नगरीय विकास जैसे विभागों को लेकर चर्चा की गई। बैठक में अधिकारियों से कहा गया कि अगले छह माह बाद फिर कामों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में सिवनी, गुना सहित आधा दर्जन जिलों के कलेक्टरों द्वारा बेस्ट प्रेक्टिस के प्रजेंटेशन दिए गए। वहीं मुख्यमंत्री डॉ। मोहन यादव ने कहा कि अफसरों को ड्राइविंग सीट पर आने की बजाय व्यवस्थाओं का संचालन करते हुए आस-पास रहकर काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना अफसरों की जिम्मेदारी है और उनके सुझावों को ध्यान से सुनकर आवश्यकता के अनुसार अमल में लाना चाहिए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, हमें यह विश्वास बनाए रखना है। हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। प्रदेश में सुशासन और समावेशी विकास पर जोर देते हुए सीएम यादव ने कहा कि सभी लोक सेवक प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में काम करना होगा। लोक सेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें।
सीएम ने कहा कि जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, और हमें इसे बनाए रखना है। उन्होंने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित करने के प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि सुशासन और समावेशी विकास की दिशा में अफसरों को लगातार मेहनत करनी होगी। सीएम ने आगे कहा कि शासन का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सबके साथ और सबके लिए खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने अफसरों से यह अपील की कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर मिशन मोड में कार्य करें, ताकि योजनाओं का लाभ जनता तक जल्द से जल्द पहुंच सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोक सेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी क्षमता और समर्पण से योजनाओं को धरातल पर उतारें और जनता तक उनका अधिकतम लाभ पहुंचाएं। बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही अवैध कॉलोनियों पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में औद्योगिक और आर्थिक संभावनाओं का अध्ययन कर ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए कई निर्देश दिए
ग्वालियर की जेसी मिल, रतलाम की सज्जन मिल और उज्जैन की विनोद मिल से जुड़ी समस्याओं का समाधान जिस तरह किया गया, उसी तरह अन्य जिलों में बंद औद्योगिक इकाइयों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। शहरी क्षेत्रों में अनुपयोगी भूमि का उपयोग कर लैंड बैंक तैयार किया जाए। जिलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। स्व सहायता समूहों को एमएसएमई सेक्टर से जोडऩे की दिशा में काम किया जाए। गुना में गुलाब की खेती का प्रजेंटेशन दिया गया। इसी तरह फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। प्रत्येक जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ उत्पादों का बाजार बनाए जाएं, ताकि सप्ताह में एक दिन वहां आकर अपना सामान बेच सकें। सभी कलेक्टर और अधिकारी जिला अस्पतालों का निरीक्षण करें। कुपोषण से निपटने के लिए अभियान में तेजी लाई जाए। स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास में समन्वय हो।
कलेक्टरों ने दिए प्रजेंटेशन
दिन भर चली बैठक में गुना कलेक्टर द्वारा जिले में हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में किए जा रहे कामों का प्रजेंटेशन दिया। इसमें गुना में गुलाब की खेती और उससे किसानों को हो रहे लाभ की जानकारी दी गई। वहीं सिवनी कलेक्टर द्वारा प्राथमिक स्कूलों में अलग से डिजाइन कर फर्नीचर उपलब्ध कराने और सरकारी स्कूलों के पूर्व छात्रों को जोडकऱ इस दिशा में काम करने के बारे में बताया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दूसरे जिलों में भी फूलों की खेती को लेकर प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
सौ फीसदी आबादी के पास हो अपना पक्का घर
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों का अलग मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि ओंकारेश्वर और चित्रकूट में धार्मिक पर्यटन की जितनी संभावनाएं हैं, उनका अभी तक विकास नहीं हो सका है। इसलिए धार्मिक स्थलों का अलग मास्टर प्लान तैयार कर उन्हें भविष्य के पर्यटन के हिसाब से विकसित करें। नर्मदा परिक्रमा मार्ग का भी विकास जरूरी है। 2047 तक प्रदेश की सौ फीसदी आबादी के पास खुद का पक्का घर हो, इस विजन को लेकर शहरों का एक्शन प्लान बनाएं। गीता भवनों को आधुनिक टाउन हॉल के रूप में विकसित किया जाना है। हर शहर की जरूरत का आकलन करें और उनकी कमियों को दूर करने के लिए समय-सीमा तय करें। शहरी क्षेत्रों में टीडीआर के तहत अधिग्रहण भूमि पर मुआवजा दिया जा रहा है।
विनम्र विद्यार्थी की तरह जिम्मेदारी निभाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें। लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को गुड गवर्नेंस लाभ दिलाने के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, तो वह भी जरूर करें। सभी फील्ड अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता से संवाद अनिवार्य रूप से बनाए रखें। आमजन से मिलने की व्यवस्था और जनसुनवाई को और भी बेहतर बनाएं। सीएम ने कहा कि जिलों में कई बार स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया में नकारात्मक खबरें छपती हैं, इनको वेरीफाई कर इनका तत्काल खंडन किया जाना चाहिए। आज सोशल मीडिया की पहुंच जन-जन तक है। शासन के द्वारा किए जा रहे लोक-कल्याणकारी कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाए।