
- पहले हुआ था लुक आउट नोटिस जारी, अब इंटरपोल का भी ब्लू नोटिस
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में लोगों से निवेश के नाम पर 3200 करोड़ की धोखाधड़ी और ठगी के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स की जांच जारी है। हालांकि अभी इस मामले में गिरोह का मुख्य सरगना लविश चौधरी उफ नवाब एसटीएफ पकड़ से दूर है। यह इस लिए भी क्योंकि वह दुबई में छिपा हुआ है। विदेश में रहकर भी वह वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए समय समय पर निवेशकों से कनेक्ट रहता है। वहीं उनका भरोसा दिलाता है कि वह पूरा पैसा लौटाएगा।
इस तरह के कई क्लिीपिंग भी सामने आ चुकी है। पिछले दिनों एसटीएफ ने उसे पकडऩे के लिए इंटरपोल से मदद मांगी थी। गृहमंत्रालय के जरिए एक पत्र भी इंटरपोल को भेजा गया था। इसके बाद हाल ही में इंटरपोल ने सरगना लविश चौधरी के खिलाफ ब्लू नोटिस जारी कर दिया है। अब इसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए रेड नोटिस भी जारी किया जा सकता है। दरअसल ब्लू नोटिस के जरिए इंटरपोल आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड और उसके छिपे होने के स्थान की जानकारी जुटा लेती है। वहीं अन्य देशों को भी अलर्ट कर इस जानकारी को शेयर करता है। इसके अलावा रेड नोटिस जारी होने पर में आरोपी को विदेश में ही गिरफ्तार किया जा सकता है। इंटरपोल अंतिम रूप से रेड नोटिस ही जारी करती है। सबसे पहले इंदौर के इशान सलुजा ने लविश के खिलाफ 20 लाख की धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी, इसके बाद जब एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज कर जांच की तो बड़ा गिरोह निकला। इस गिरोह के 11 आरोपियों को पकडक़र एसटीएफ जेल भेज चुकी है। इसका सरगना लविश ने दुबई में बैठकर ही यह निवेश के नाम पर ऑनलाइन फर्जीवाड़ा किया इस लिए वह अब तक एसटीएफ के हाथ नहीं लगा। इधर एसटीएफ आरोपियों द्वारा खुलवाए गए फर्जी खातों की जांच पूरी कर चुकी है और ढाई सौ करोड़ की राशि भी फ्रीज करा चुकी है। गिरोह के 11 सदस्य भले ही गिरफ्तार हो गए हों लेकिन अभी भी इस मामले में एक बड़ा सवाल यह है कि निवेशकों को उनका पैसा कैसे मिलेगा। ठगी के शिकार हुए निवेशक अब भी अपना पैसा वापिस मिलने को लेकर परेशान है।