जीएमसी बना हाईटेक, अब ऑफिस का हर काम होगा डिजिटल

जीएमसी बना हाईटेक
  • कामकाज में आएगी रफ्तार…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए पहचाने जाने वाले गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल अब अपने ऑफिस कामकाज में भी डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुके हैं। यहां ई-ऑफिस प्रणाली शुरू कर दी गई है। यानी अब नोटिंग, फाइल मूवमेंट, अप्रूवल जैसे सभी काम पेपरलेस तरीके से किए जाएंगे।
हर साल 12 लाख कागज की बचत
अब तक जीएमसी और हमीदिया के दफ्तरों में हर महीने करीब एक लाख कागज खर्च होते थे। इस पर प्रिंटिंग, फोटोकॉपी और कागज खरीदने में सालाना 18 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो जाता था। ई-ऑफिस के आने से ये खर्च पूरी तरह बंद हो जाएगा, जिससे संस्थान आर्थिक रूप से और मजबूत होगा।
 पांच विभागों में हुई शुरुआत, जल्द शुरुआत में ई-ऑफिस को पांच प्रमुख विभागों में लागू किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इसे धीरे-धीरे संपूर्ण कॉलेज और अस्पताल प्रशासन में लागू किया जाएगा। इससे कागजों की फाइलों की जगह डिजिटल डॉक्यूमेंट्स ले लेंगे और ऑफिस की जगह का भी बेहतर उपयोग हो सकेगा।
 पर्यावरण को भी मिलेगा लाभ: जीएमसी की डीन डॉ. कविता एन सिंह ने कहा है कि ई-ऑफिस से कार्यप्रणाली तेज और पारदर्शी बनेगी। यह एक ऐसा बदलाव है जो आज की जरूरत भी है और आने वाले कल की तैयारी भी। यह कदम पर्यावरण के लिए भी राहत भरा है। हर साल लाखों कागज की खपत रुकने से पानी और ऊर्जा की बचत होगी और प्रदूषण भी कम होगा।
कामकाज होगा तेज, पारदर्शिता में आएगा सुधार
ई-ऑफिस प्रणाली से हर फाइल को ट्रैक करना आसान होगा। किस स्तर पर काम अटका है, कहां मंजूरी हो चुकी है  ये सब कुछ अब एक क्लिक में पता चल सकेगा। इससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।

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