राजेश शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

राजेश शर्मा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आयकर विभाग के छापों में करोड़ों की संपत्ति और किसान से 2 करोड़ 2 लाख की धोखाधड़ी के आरोपों से चर्चा में आए बिल्डर राजेश शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर की गई हैं। राजेश शर्मा के खिलाफ ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ द्वारा निरस्त किए जाने के आदेश को इन याचिकाओं के जरिए सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। पहली याचिका इस एफआईआर में आवेदक रहे भोपाल के रातीबड़ इलाके के किसान चिंता सिंह मारण ने दायर की है, जबकि दूसरी ईओडब्ल्यू की तरफ से पेश की गई है।
हाईकोर्ट द्वारा राजेश शर्मा, उसकी कंपनी और उसके सहयोगियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू भोपाल द्वारा की गई एफआईआर निरस्त किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील की मंजूरी राज्य सरकार ने पिछले दिनों ईओडब्ल्यू को भी दे दी थी। गौरतलब है कि त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक राजेश शर्मा के ठिकानों पर पिछले साल के अंत में आयकर विभाग की टीम ने छापे मारकर लगभग 400 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति उजागर की थी। हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ के जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि यह दो पक्षों का प्राइवेट मामला है और इसमें ईओडब्ल्यू का दखल अनुचित था। एकलपीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए राज्य शासन को नोटशीट भेजी गई थी। ईओडब्ल्यू द्वारा राजेश शर्मा के खिलाफ दर्ज केस के खिलाफ दाखिल याचिका पर तीन माह चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने 28 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था। बाद में ऑर्डर सुनाते हुए अदालत ने राजेश शर्मा, उसकी कंपनी ट्राइडेंट मल्टीवेंचर्स एवं सहयोगियों राजेश तिवारी, दीपक तुलसानी के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्यं धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर निरस्त की थी। जानकारी के मुताबिक चतिा सिह मारण और ईओडब्ल्यू द्वारा दाखिल दोनों याचिकाओं को क्लब (जोड़) कर सुप्रीम कोर्ट एक साथ इनकी सुनवाई करेगा। इन मामलों में पहली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
जमीन खरीदी में की थी धोखाधड़ी ईओडब्ल्यू ने राजेश शर्मा के
साथ उसके सहयोगी राजेश तिवारी, दीपक तुलसानी और अन्य के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी। आरोप था कि भोपाल के रातीबड़ के किसान चिंता सिंह मारण के साथ 2 करोड़ 2 लाख की धोखाधड़ी की। इसमें जमीन खरीदने के लिए हुए एग्रीमेंट का पालन न करते हुए उसके खातों से अवैध तौर सवा करोड़ रूपए निकाले और खाते में जमा कराए लाखों के चैक स्टॉप कराकर रकम हड़पी।

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