
- जांच के घेरे में आईएएस श्रीमन शुक्ला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी की ओर से 237 पर्यावरणीय मंजूरी मामला एक बार फिर गरमा गया है। इसकी वजह यह है कि अब इस मामले में आईएएस अधिकारी श्रीमन शुक्ला भी जांच के दायरे में आ गए हैं। श्रीमन शुक्ला वर्तमान में जनजातीय कार्य विभाग में कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने आज आईएएस श्रीमन शुक्ला को दिल्ली तलब किया है। जहां वह अपना पक्ष फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
गौरतलब है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सिया से जुड़े विवाद की जांच करने के लिए एक नई कमेटी बनाई है। ये कमेटी सिया के कामकाज में जो भी गलतियां या अनियमितताएं हैं, उनकी जांच करेगी। जब ये जांच पूरी हो जाएगी, तो कमेटी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेगी। आज इसी कमेटी के सामने श्रीमन शुक्ला पेश होंगे। शुक्ला जनजातीय कार्य विभाग में कमिश्नर के पद पर हैं, लेकिन जिस वक्त 237 ईसी जारी की गई थीं, तब आर उमा महेश्वर की छुट्टी पर चले जाने के कारण शुक्ला सिया के प्रभारी मेंबर सेक्रेटरी थे? और उन्हीं के हस्ताक्षर से विवादित ईसी जारी हुई थीं।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर जांच
गौरतलब है कि सिया चेयरमैन शिव नारायण सिंह चौहान की चार अलग-अलग शिकायती पत्रों में लगाए गए आरोपों और सुप्रीम कोर्ट में लंबित रिट याचिका में जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. अमनदीप गर्ग की अध्यक्षता में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की पहली बैठक 1 अक्टूबर को दिल्ली स्थित पर्यावरण भवन में होगी। इस कमेटी ने 25 सितंबर को मप्र पर्यावरण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और सिया की तत्कालीन मेंबर सेक्रेटरी आर. उमा महेश्वरी को अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली बुलाया था। इसके साथ ही सिया के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान और सदस्य सुनंदा सिंह रघुवंशी को भी बुलाया था। मंगलवार को कमेटी की ओर से आनन-फानन में एक ओर नोटिस भेजते हुए सिया के प्रभारी मेंबर सेक्रेटरी के रूप में 237 पर्यावरणीय मंजूरियों पर हस्ताक्षर करने वाले आईएएस श्रीमन शुक्ला को भी आरोपी मानकर दिल्ली बुला लिया है।
बर्णवाल और दीपक आर्य भी जाएंगे दिल्ली
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की इन्वेस्टिगेशन एंड एडमिनिस्ट्रेटिव डिविजन की डायरेक्टर श्रुति राय भारद्वाज ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेज कर जानकारी दी है। मप्र पर्यावरण विभाग के मौजूदा एसीएस अशोक बर्णवाल और सिया के मौजूदा मेंबर सेक्रेटरी दीपक आर्य भी कमेटी के समक्ष वस्तुस्थिति रखने दिल्ली जाएंगे। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है, जिसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करनी है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ खुद इस केस की सुनवाई कर रही है। इसलिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को 7 अक्टूबर से पहले अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करनी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है।