
तिरुवनंतपुरम। तमिलनाडु के करूर में भगदड़ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि यह बहुत ही दुखद और दर्दनाक स्थिति है। उन्होंने कहा, हमारे देश में भीड़ प्रबंधन में कुछ गड़बड़ है। हर साल कोई न कोई घटना होती ही रहती है। हमें बंगलूरू की घटना भी याद है। जब हम इन भगदड़ों में बच्चों के मारे जाने की खबर सुनते हैं तो बहुत दुख होता है।
उन्होंने आगे कहा, सवाल यह है कि हम आम लोगों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठित नीति बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। थरूर ने कहा, लोग किसी राजनेता, फिल्म स्टार या क्रिकेटरों को सुनने के लिए जाते हैं। मूल बात यह होनी चाहिए कि कुछ नियम, मानक और प्रोटोकॉल होने चाहिए। थरूर ने कहा, मैं केंद्र और सभी राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी परिस्थिति में सभी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बहुत सख्त प्रक्रिया अपनाने पर सहमत हों, ताकि हमें इन खौफनाक भगदड़ों में अपनों के खोने का दुख न हो और बेवजह पीड़ा न झेलनी पड़े।
कांग्रेस नेता ने कहा, दुनिया परिवर्तनशील है। बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं। मैं लगातार न केवल विश्व व्यवस्था की बात कर रहा हूं, बल्कि विश्व अराजकता की भी चर्चा कर रहा है, जिसका हम सामना कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में चुस्त-दुरुस्त रहना होगा। मुझे लगता है कि हमें इन बदलावों को लेकर सतर्क रहना होगा और जितने विकल्प हो सकें, उतने रखने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, मैं बहु-ध्रुवीय अवधारणा में भरोसा करता हूं, ताकि हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले रहें और हम किसी एक देश के प्रभाव में न आएं, चाहे वह अमेरिका हो या चीन। हमें इतना कमजोर नहीं होना चाहिए कि दूसरों के मनमाने फैसलों का शिकार बन जाएं। इसलिए हमारे पास अपनी ताकत, साहस और क्षमता होनी चाहिए, ताकि हम अपने पैरों पर मजबूती से खड़े रह सकें, चाहे हमारे सामने कोई दरवाजा बंद हो या दूसरी तरफ कोई खिड़की खुली हो।