
- प्रस्ताव पर परिवहन विभाग ने दी सहमति
– छात्रों को शामिल कर बनवाएंगे प्रोजेक्ट्स
– पहले पांच महानगरों का बनेगा प्लान
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में परिवहन सुधारने के लिए तेज गति में भागने वाले अनियंत्रित वाहनों को नियंत्रित करने पर काम होगा। गति नियंत्रण का कार्य आईआईटी खडग़पुर के सहयोग से किया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसकी प्लानिंग शुरू कर दी है। इस प्लानिंग के लिए आईआईटी के छात्रों को शामिल कर प्रोजेक्ट बनवाए जाएंगे। यह देखा जाएगा कि किस क्षेत्र में कौनसी योजना कारगर रहेगी। फिलहाल इसके लिए राजधानी की दो या तीन सडक़ों को चिह्नित किया जा रहा है, ताकि एक विस्तृत अध्ययन के बाद आगे की पॉलिसी तैयार की जा सके। यह पॉलिसी बनाने की जरूरत इसलिए भी पड़ी है, क्योंकि वर्ष 2024 में मप्र की सडक़ों पर करीब 80त्न सडक़ हादसे तेज रफ्तार के कारण हुए हैं। इस दौरान 11833 लोगों की मौत हो गई।
तेज गति से हो रहे हादसे
तेज गति नियंत्रण एवं प्रबंधन की प्लानिंग को लेकर आईआईटी की टीम और एक संस्था के साथ परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई है। इस बैठक में रखे गए आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक दुर्घटनाओं का कारण तेज गति रही है। आईआईटी के प्रो. भार्गव मित्रा ने सभी सहयोगियों को बताया है कि प्रदेश की सडक़ों की परियोजना भौगोलिक स्थिति के अनुसार ही बनाना जरूरी है। क्षेत्रीय परिस्थितियों के अनुसार डायनामिक स्पीड लिमिट तय करनी होगी।
ये बिंदु रहेंगे प्रोजेक्ट में
अलग-अलग हिस्सों की भौगोलिक परिस्थिति का अध्ययन किया जाएगा। जहां ज्यादा धुंध रहती है, वहां का प्लान उसके हिसाब से बनेगा। जिन सडक़ों पर निर्माण हो रहा है, वहां की योजना धूल नियंत्रण के हिसाब से बनेगी। गति नियंत्रण एवं प्रबंधन भी सडक़ों की स्थिति के हिसाब से तैयार किया जाएगा। स्पीड मैनेजमेंट के संबंध में परिवहन विभाग की पहल पर आईआईटी खडग़पुर की टीम और कंज्यूमर वॉयस संस्था के साथ एक बैठक की गई। आईआईटी खडग़पुर के प्रोफेसर डॉ. भार्गव मैत्रा के इस दौरान स्टेक होल्डर्स को बताया कि मप्र की सडक़ों पर भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार डायनामिक स्पीड लिमिट (डीएसएल) तय करना होगा। साथ ही सडक़ सुरक्षा के लिए अलग-अलग मौजूद समाधान भी बताए।
ब्लैक स्पॉट पर रहेगा फोकस
प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन सहित अन्य बड़े शहरों में पहला फोकस ब्लैक स्पॉट पर रहेगा। भोपाल की कम से कम दो सडक़ों को इस प्लान में शामिल किए जाने की संभावना है। इसके अलावा अन्य शहरों में पूर्व में चिन्हित स्थानों में से सडक़ों का चयन होगा।