फलस्तीन को मान्यता आतंकवाद के लिए बड़ा इनाम: पीएम नेतन्याहू

पीएम नेतन्याहू

तेल अवीव। ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के फलस्तीन को देश की मान्यता देने पर इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भड़क गए। नेतन्याहू ने कहा कि फलस्तीन को मान्यता देना आतंकवाद के लिए एक बड़ा इनाम है। मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है- ऐसा नहीं होगा। फलस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं की जाएगी। नेतन्याहू ने कहा कि इस्राइल की प्रतिक्रिया की घोषणा तब की जाएगी जब वह अमेरिका से लौटेंगे। नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने गए हैं। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रवक्ता शोश बद्रोसियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका देश यूरोप की राजनीतिक जरूरतों के कारण फलस्तीन को एक देश के रूप स्वीकार कर आत्महत्या नहीं करेगा। यह भी कहा कि फलस्तीन कभी देश नहीं बन सकता।

फलस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा के बाद कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा कि फलस्तीन पर भारत की नीति, विशेष रूप से पिछले 20 महीनों से शर्मनाक और नैतिक कायरतापूर्ण रही है। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने अभी-अभी फलस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी है तथा अन्य देशों द्वारा भी शीघ्र ही ऐसा करने की उम्मीद है। भारत ने 18 नवंबर 1988 को फलस्तीनी राज्य को औपचारिक रूप से मान्यता दे दी थी। रमेश ने इस्राइल-हमास संघर्ष का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि फलस्तीन के संबंध में भारत की नीति शर्मनाक और नैतिक कायरतापूर्ण रही है।

इससे पहले ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फलस्तीन को एक देश की मान्यता देने का एलान किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य फलस्तीनियों और इस्राइलियों के लिए शांति की उम्मीद को जीवित रखना है। स्टार्मर ने कहा कि भले ही यह फैसला प्रतीकात्मक है, लेकिन यह एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब दोनों समुदायों के बीच स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जाएं। स्टार्मर का कहना है कि यह मान्यता केवल हमास को नहीं बल्कि फलस्तीन की जनता को दी जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि हमास का भविष्य में शासन में कोई स्थान नहीं होगा और उसे सात अक्तूबर 2023 के हमलों में पकड़े गए इस्राइली बंधकों को तुरंत रिहा करना होगा।

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की कि उनकी सरकार ने फलस्तीन को मान्यता दे दी है। उन्होंने पहले ही जुलाई में संकेत दिया था कि वह यह कदम उठाएंगे। कार्नी ने कहा कि यह मान्यता दो-राज्य समाधान की दिशा में शांति बहाल करने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से फलस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है। यह फैसला गाजा युद्ध और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच आया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले ऑस्ट्रेलिया का यह एलान पश्चिम एशिया की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

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