
- पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने व्यक्त किए अपने विचार, कहा-
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पिछले तीन महीने में प्रदेश के हर थाने में आपने बदलाव देखा होगा। ऐसे कर्मचारी और अफसर जो लंबे अरसे से जमे थे (अंगद) वे हटाए गए। मेरी तरफ से पूरे प्रदेश में स्वच्छ और पारदर्शी व्यवस्थाओं को खड़ा करने का प्रयास किया गया है। मुझे पता है कि यह अभी भी नाकाफी है। लेकिन, यकीन मानिए आप्रका साथ मिलेगा तो कमियों को पूरी तरह से दूर कर लिया जाएगा। यह विचार प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाशे मक्रवाना ने व्यक्त किए। वे पूरे प्रदेश से आए सैंकड़ों मैदानी कर्मचारियों से संवाद कर रहे थे। आयोजन रवीन्द्र भवन में स्थित सभागार में रखा गया था। यहां छह साल बाद पहली बार राज्यस्तरीय संयुक्त पुलिस परामर्शदात्री और पुलिस कल्याण समिति की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। पुलिस महानिदेशक ने पुलिस बल के कल्याण, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, लंबित रिक्तियों की पूर्ति, कार्यक्षमता में वृद्धि तथा जनसुनवाई को और अधिक प्रभावी बनाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा मनोबल सशक्त बनाने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशंसा पत्र के साथ नगद पुरस्कार दिया जा रहा है। जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।
हर महीने वेतन से काटे जाएंगे अब सौ रुपए
प्रदेश की विभिन्न पुलिस इकाइयों/निकायों के पास उपलब्ध शासकीय भूमि का उचित सीमांकन व संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे कोई अतिक्रमण न हो और वह भूमियाँ आवास तथा अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए सुरक्षित रखी जा सकें। ई-एचएमआरएस सिस्टम लागू किया जाएगा। जिससे पुलिस विभाग रहेगी। पुलिस मुख्यालय में ई-ऑफिस सेवाएं शुरु हो चुकी है। परामर्शदात्री के मैदानी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं डिजिटल रूप में उन्हें हरपल उपलब्ध समिति में प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी सदस्य होते हैं। जिसमें सभी का आर्थिक योगदान होता है। विशेष पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार ने बताया मृत्यु उपरांत दी जाने वाली परोपकार निधि की राशि को 01 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। इसके लिए समस्त रैंक से वर्ष भर में 1200 रूपए 100 रूपए प्रतिमाह) अतिरिक्त प्राप्त किया जाएगा। इस योजना से लिखित अनुरोध में पुलिसकर्मी विकल्प देकर अलग हो सकता है। शिक्षा निधि से दी जाने वाली सहायता राशि को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है।