खरगोन में अधूरी सिंचाई परियोजना

सिंचाई परियोजना
  • 819 करोड़ की परियोजना 4 साल बाद भी अधर में

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। खरगोन जिले के भीकनगांव में 819 करोड़ रुपए की बिंजलवाड़ा सिंचाई परियोजना किसानों के लिए राहत की बजाए आफत बन गई है। योजना की शुरूआत 750 करोड़ रुपए से हुई थी फिर लागत बढ़ाकर 819 करोड़ कर दी गई लेकिन नतीजा अधूरी पाइप लाइन, जंग लगे पाइप और घटिया निर्माण के रूप में सामने है। न नियम न निगरानी न खुदाई, खेत के लेवल से एक फिट से भी कम गहराई और ऊपर से सीमेंट कोटिंग उखड़े जंग लगे पाइप खेतों में दबाए जा रहे हैं। किसानों के विरोध और बार बार चेतावनी के बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार इस परियोजना को 98 प्रतिशत पूरा बता रही है, जबकि हकीकत में आधा काम भी नहीं हुआ है। किसानों ने आरोप लगाया कि इस वजह से उन्हें सिंचाई की सुविधा नहीं मिल रही और खेती प्रभावित हो रही है। किसान नेताओं ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि अधूरा काम पूरा दिखाकर लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च दिखा दिए गए हैं। किसान संघ ने उच्च स्तरीय जांच, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और लाभान्वित किसानों की सूची पंचायतों में लगाने की मांग की है। हाल ही में झिरन्या चैनपुर मार्ग पर नानकोड़ी कांटे के पास किसानों ने घटिया पाइल लाइन डालने का विरोध किया, मौके पर पहुंचे सब इंजीनियर शिवप्रसाद कोरी ने अगले दिन पाइप बदलवाने का आश्वासन दिया। सवाल यह है कि किसानों की आपत्ति के बाद ही सुधार क्यों किया जाता है?
2021 में पूरी होनी थी परियोजना
परियोजना 2021 में पूरी होना थी, अब अब भी अधूरी है। कई जगह पाइप पटक दिए गए हैं तो कहीं पाइप ही नहीं है। किसानों का कहना है कि यह योजना खेतों की सिंचाई नहीं, भ्रष्टाचार की सिंचाई बन गई है। हजारों किसान तालाब और नालों के सहारे खेती कर रहे हैं और अरबों की परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। परियोजना का ठेका हैदराबाद की जीवीपीआर कंपनी को ठेका दिया गया था। इसकी शुरूआत 20 अप्रैल 2018 में हुई थी जिसे 42 माह (19 अक्टूबर 2021) में पूरा करना था लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
50 गांवों के किसानों ने प्रदर्शन किया
खरगोन जिले में बिजलवाड़ा सिंचाई परियोजना के अधूरे कार्य को लेकर किसान आंदोलन की तैयारी में जुटे हैं। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में भीकनगांव तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इसमें 50 से अधिक गांवों के किसान बाइक और ट्रैक्टर से पहुंचे। किसान संघ के संभागीय प्रतिनिधि श्यामसिंह पवार ने बताया कि खेतों में कई जगह पाइप पड़े हैं, लेकिन अभी तक लाइन नहीं बिछाई गई। विधानसभा में परियोजना को लगभग पूर्ण बताया जा रहा है, जो सही नहीं है। भीकनगांव की महती सिंचाई परियोजना भी अधूरी है। किसान संघ ने जिला स्तरीय बैठक में अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया है। इस दिन जिले की अन्य अधूरी उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं को लेकर सभी तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा।

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