केवल पात्र ‘बहनों’ को ही मिलेंगे 1500

लाड़ली बहना योजना
  • लाड़ली बहना योजना के हितग्राहियों की सूची का कराएगी सरकार सत्यापन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की लाड़ली बहना योजना के तहत सरकार सभी हितग्राहियों का सत्यापन कराएगी। इसके पीछे सरकार की योजना यह है कि केवल पात्र ‘बहनों’ को ही हर महीने 1500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। दरअसल, दिवाली के बाद भाईदूज से लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए सरकार हितग्राहियों की सूची का सत्यापन कराने जा रही है। सूची का सत्यापन होने के बाद योजना में लाड़ली बहनों की संख्या में कमी आने का अनुमान है। अधिकारियों का कहना है कि लाड़ली बहना योजना में नए नाम जोडऩे को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि लाड़ली बहना योजना में पात्र हितग्राहियों की संख्या एक करोड़ 27 लाख है। योजना में इनके खाते में हर महीने करीब 1551 करोड़ 44 लाख रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। इस तरह लाड़ली बहनों के खातों में हर साल लगभग 18 हजार 612 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। लाड़ली बहना योजना में दिवाली से 250 रुपए की वृद्धि होने के बाद सरकारी खजाने पर हर महीने 317.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए देने पर योजना पर सालाना करीब 22 हजार 425 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, लाड़ली बहना योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए सरकार ने प्राथमिकता तय की है। इसके तहत 21 वर्ष से कम और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। अविवाहित बहनें लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकती हैं। केवल वही महिलाएं पात्र होंगी, जो मध्यप्रदेश में निवास करती हैं। जो महिला या उसके परिवार के सदस्य आयकरदाता हैं, तो उन्हें इस योजना का लाभनहीं मिलेगा। जिनके परिवार की सम्मिलित रूप से सालाना इनकम 2.50 लाख रुपए से अधिक है, वे भी योजना में आवेदन नहीं कर सकतीं। जो महिलाएं पहले से किसी अन्य सरकार की योजना, जैसे-वृद्धावस्था पेंशन, स्वास्थ्य योजना आदि का लाभ प्राप्त कर रही हों, तो वे इस योजना में शामिल नहीं हो सकतीं। सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकती। जिनके परिवार का कोई सदस्य वर्तमान अथवा पूर्व सांसद, विधायक हो या फिर किसी सरकारी पद का लाभ ले रहा है, उस परिवार की महिलाएं लाडली बहना योजना के लिए पात्र नहीं होंगी।
भाईदूज से मिलेंगे 1500
गौरतलब है कि सीएम डॉ. मोहन यादव कई मौकों पर घोषणा कर चुके हैं कि दिवाली के बाद भाईदूज से लाड़ली बहनों को हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। वर्ष 2028 तक यह राशि बढ़ाकर 3000 रुपए की जाएगी। वर्तमान में योजना में लाड़ली बहनों को 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार ने योजना की राशि में 250 रुपए की वृद्धि करने से पहले योजना के हितग्राहियों की सूची का सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। सरकार सूची का सत्यापन इसलिए कराने जा रही है, ताकि पात्र महिलाओं को ही योजना का लाभ मिले और अपात्र महिलाएं योजना से बाहर हों।
अपात्र महिलाएं भी ले रही लाभ
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सरकार के पास ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि योजना के लिए अपात्र महिलाएं भी इसका लाभ ले रही हैं। इसे देखते हुए तय किया गया कि सरकार सबसे पहले आग्रह करेगी की यदि कोई अपात्र महिला योजना का लाभ ले रही है, तो वह स्वयं अपनी मर्जी से निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर भविष्य में योजना के लाभ का परित्याग कर दे। इसके बाद योजना के हितग्राहियों की सूची का सत्यापन दस्तावेजों के आधार पर किया जाएगा। इस दौरान यदि पाया जाता है कि कोई ऐसी महिला जो योजना का लाभ लेने के लिए तय नॉम्र्स में फिट नहीं बैठ रही है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाएगा। सूची का सत्यापन होने के बाद योजना में लाड़ली बहनों की संख्या में कमी आने का अनुमान है। अधिकारियों का कहना है कि लाड़ली बहना योजना में नए नाम जोडऩे को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जून, 2023 में जब लाड़ली बहना योजना शुरू हुई हुई थी, तब योजना में महिला लाभार्थियों की संख्या 1.31 करोड़ थी। अब यह संख्या घटकर 1.27 करोड़ रह गई है। इस तरह योजना में करीब 4 लाख हितग्राही कम हो गए है। महिला लाभार्थियों की संख्या में कमी आने का कारण यह है कि सरकार ने 20 अगस्त, 2023 से इस योजना के तहत नए पंजीकरण नहीं खोले हैं, जबकि योजना में अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष है। बता दे कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले लाड़ली बहना योजना शुरू की थी। जून, 2023 में योजना की पहली किस्त एक हजार रुपए जारी की गई थी। योजना में अक्टूबर, 2023 से अब तक 1250 रुपए मिल रहे हैं। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि कुछ अपात्र महिलाओं द्वारा लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने की बात सामने आई है। देखेंगे कि योजना से अपात्रों को बाहर किया जाए, ताकि पात्र महिलाओं को ही योजना का लाभ मिले।

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