
- कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मांगी जाएगी आगामी कार्ययोजना
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दशहरे के बाद प्रदेश के सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षक, आईजी और कमिश्नरों के साथ कॉन्फ्रेंस करेंगे। सरकार में यह पहली कलेक्टर-कमिश्नर,एसपी-आईजी कॉन्फ्रेंस होगी। दशहरे के बाद होने वाली कलेक्टर-कमिश्नर कॉफ्रेंस में मैदानी अफसरों की परफॉर्मेंस का आकलन किया जाएगा। साथ ही आगामी वर्षों की कार्य योजना और विजन डॉक्यूमेंट पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। कॉन्फ्रेंस में राज्य के सभी वरिष्ठ अफसर शामिल होंगे। कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर, आईजी और पुलिस कमिश्नर भाग लेंगे। खासतौर पर आगामी कार्ययोजना मांगी जाएगी। इसके बाद मैदानी अफसरों के लिए आगामी 3 साल के लिए प्राथमिकता तय की जाएगी।
दरअसल, मुख्य सचिव अनुराग जैन के सेवा विस्तार के बाद यह कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सरकार का फोकस विजय 2047 डॉक्यूमेंट के साथ अगले तीन साल की कार्ययोजना पर रहेगा। प्रदेश के आला अधिकारियों को तीन साल के प्राथमिकता वाले कार्यों और परियोजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उन पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। बताया जाता है कि पहले यह कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस सितंबर में 19, 20 सितंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन नवरात्रि और कानून-व्यवस्था के मदृेनजर सीएम ने अब इसे 2 अक्टूबर यानी दशहरा के बाद करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कैबिनेट बैठक से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने उद्बोधन में कहा था कि देश को शीघ्र ही एक बड़ा तोहफा मिलेगा। नई पीढ़ी के जीएसटी सुधार किसानों, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाओं और युवाओं के जीवन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। यह आम आदमी के जीवन को सुविधा और समृद्धि देने वाले उपहार हैं। इस बार दीपावली स्वदेशी से समृद्धि के संकल्प के साथ मनाई जाएगी। स्वदेशी से आत्मनिर्भरता के दीप हर घर में प्रज्वलित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कैबिनेट के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे जीएसटी सुधारों की जानकारी और उनके लाभों को जन-जन तक पहुंचाएं। इसके लिए स्वदेशी आंदोलन भी चलाया जाएगा।
कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट होगी सार्वजनिक
मोहन सरकार ने दो माह पूर्व कलेक्टरों के कामकाज की रैंकिंग करने का निर्णय लिया था, जिस पर एमपीएसईडीसी कार्य कर रहा है। इसके लिए पैरामीटर्स तय किए गए थे, जिनमें कुछ बदलाव करते हुए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अक्टूबर में होने वाली कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। अत: कलेक्टरों को शासन के प्राथमिकता वाले पैरामीटर्स पर फोकस कर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार मोहन यादव सरकार 400 से ज्यादा पैरामीटर के आधार पर कलेक्टरों की परफॉर्मेंस का आंकलन करा रही है। यह रेटिंग सरकार की प्राथमिकताओं पर आधारित होगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मई में सभी कलेक्टरों को चौंकाते हुए कहा था कि उनके पास सबकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट है, लेकिन इस बार वे इसे सार्वजनिक नहीं करेंगे। सरकार अब खुद जिलों की ग्रेडिंग कराएगी ताकि सही रिपोर्ट मिल सके। सरकार कलेक्टरों के ट्रांसफर पर कंट्रोल करने के बाद अब उनके काम की रेटिंग करा रही है। योजनाओं को लागू करने के लिए परफॉर्मेंस इंडिकेटर तय किए गए हैं। डायनामिक पैरामीटर भी रेटिंग तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अभी कुछ और पैरामीटर भी बढ़ सकते हैं। सभी विभागों की योजनाओं के पैरामीटर इंडिकेटर और डायनामिक पैरामीटर के आधार पर परफॉर्मेंस रिपोर्ट बनाने का काम किया जाएगा। हर विभाग से उनसे संबंधित योजनाओं के पैरामीटर की जानकारी बुलाई जाती है। सारे विभागों के पोर्टल कनेक्टेड हैं, इसलिए इसके आधार पर रिपोर्ट मिल रही है। इसके बाद सभी योजनाओं के एवरेज के आधार पर रिपोर्ट बनाने का काम हो रहा है। यह शुरुआती दौर है, इसलिए अभी कलेक्टरों को इसकी जिलावार रिपोर्ट सामूहिक तौर पर नहीं दी गई है। कलेक्टरों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट में एक खास बात यह भी है कि इसमें योजनाओं के पैरामीटर के साथ शासन की प्राथमिकता को भी ध्यान में रखा जाएगा।
मंत्री करेंगे अपने विभागों की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे कॉन्फ्रेंस से पहले अपने-अपने विभागों की विस्तृत समीक्षा करें, ताकि जिन क्षेत्रों में प्रदर्शन कमजोर है, वहां सुधार लाया जा सके। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में मंत्रियों से वन-टू-वन करने वाले हैं। मप्र के मंत्री-विधायकों ने दिसंबर 2023 में सरकार बनने के बाद 20 महीने में क्या काम किए, इसका हिसाब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लेंगे। वह मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक करेंगे और विभागवार उनके कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसी के आधार पर मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में इसी के आधार पर मंत्रियों का भविष्य भी तय होगा। डॉ. मोहन यादव द्वारा अक्टूबर में मंत्रियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने की तैयारी है। बता दें, डा. मोहन यादव ने पहले भी मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार कराई थी, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई। हाल ही में भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी यही रिपोर्ट दिखाई गई थी। गांव में रात्रि विश्राम और चौपाल की जानकारी भी ली जाएगी मुख्यमंत्री मंत्रियों से यह भी पूछेंगे कि उन्होंने कितने गांवों में रात्रि विश्राम किया और चौपाल लगाई। प्रभार के जिलों में प्रति माह दौरा कर रहे हैं या नहीं। यह भी देखा जाएगा कि मंत्रियों का अपने प्रभार के जिलों में अधिकारियों के साथ तालमेल कैसा है। पार्टी के दृष्टिकोण से यह भी देखा जाएगा कि संगठन के कामकाज में उनकी सहभागिता कैसी है। केंद्र से मिले अभियानों को सफल बनाने में कितने मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके अलावा मंत्रियों से आमजन व पार्टी कार्यकर्ता की संतुष्टि के बारे में भी जानकारी लेकर इस पर चर्चा की जाएगी।