बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/छत्तीसगढ़ को अतिवृष्टि व बाढ़ में मदद करना हमारा दायित्व

 डॉ. मोहन यादव

छत्तीसगढ़ को अतिवृष्टि व बाढ़ में मदद करना हमारा दायित्व
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ में अतिवृष्टि और बाढ़ से निर्मित स्थिति के संदर्भ में कहा कि पड़ोसी राज्य की मदद करना हमारा दायित्व है। मप्र सरकार की ओर से 5 करोड़ रुपए की राशि और एक ट्रेन राहत सामग्री छत्तीसगढ़ भेजी जा रही है। छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ से बहुत क्षति हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की सहायता के लिए जिस तत्परता से कार्य कर रही है, वह सराहनीय है। राज्य सरकार प्रदेश के आसपास के हालात पर निगाह रख रही है। मुख्यमंत्री ने रविवार को अपने संदेश में यह बात कही। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय को आश्वस्त किया कि मप्र सरकार सदैव उनके साथ है। मप्र की ओर से भविष्य में भी छत्तीसगढ़ को आवश्यकतानुसार सहायता और राहत उपलब्ध कराई जाएगी।

मप्र में एआई आधारित सुमन सखी चैटबॉट सेवा शुरू होगी
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं में नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश में जल्द ही सुमन सखी चैटबॉट सेवा शुरू की जा रही है। सुमन सखी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित चैटबॉट होगा, जो नागरिकों को गर्भावस्था के दौरान देखभाल, उच्च जोखिम कारकों की जानकारी एवं महिलाओं से संबंधित सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और सेवाओं की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराएगा। यह सेवा न केवल योजनाओं की जानकारी और सेवाओं तक त्वरित पहुंच उपलब्ध कराएगी, बल्कि शासन की पारदर्शिता और जनविश्वास को भी मजबूत करेगी। मिशन डायरेक्टर एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि सुमन सखी चैटबॉट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र द्वारा एमपीएसईडीसी के सहयोग से विकसित किया गया है। सुमन सखी चैटबॉट 24 एएमपी 7 उपलब्ध रहेगा और हिंदी भाषा में होगा, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं भाषा की किसी भी बाधा के बिना इसका लाभ उठा सकें।

अतिक्रमण मुक्त होंगे नर्मदा किनारे के पांच किमी वन क्षेत्र
प्रदेश में नर्मदा नदी के दोनों किनारों से 5 किमी की परिधि में 31 दिसंबर, 2005 के बाद वन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा। वन विभाग ने इस संबंध में वन बल प्रमुख एवं सभी संबंधित जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं डीएफओ को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि नर्मदा नदी के तट के दोनों तरफ 5-5 किलोमीटर के दायरे में 31 दिसंबर, 2005 के बाद के वन भूमि के समस्त अवैध अतिक्रमण चिन्हित कर प्राथमिकता से अभियान चलाकर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। इन अतिक्रमणों को चिन्हित करने के लिए अन्य माध्यमों के साथ सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग जरूर किया जाए।

जिलों में जाकर 41 अधिकारी जमीनी स्तर पर देखेंगे 3 योजनाओं का काम
स्व सहायता समूह की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ ही मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों को संवारने, नदियों के उद्गम स्थलों को संरक्षित करने के लिए एक बगिया मां के नाम परियोजना, मां नर्मदा परिक्रमा पथ और गंगोत्री हरित योजना चला रही है। परियोजना का जिला स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन तय करने जमीनी स्तर पर निरीक्षण करने राज्य स्तरीय अधिकारी जिलों में पहुंचेंगे। भ्रमण के बाद क्रियान्वित कार्यों की वस्तुस्थिति के बारे में मनरेगा आयुक्त को जानकारी देंगे। अधिकारियों द्वारा यह जानकारी मनरेगा परिषद द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल एप के माध्यम से दी जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

Related Articles