
मुंबई। महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल दलों के बीच किसी भी तरह की खींचतान से डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इनकार किया है। उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि महायुति के सहयोगी दलों में काम का श्रेय लेने की कोई दौड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर एक टीम के रूप में राज्य की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल, शनिवार को राज्य के प्रमुख अखबारों में पूरे पन्ने पर देवेंद्र फडणवीस के विज्ञापन प्रकाशित हुए। इन विज्ञापनों में केवल फडणवीस ही थे। एक विज्ञापन में फडणवीस छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे विज्ञापन में उन्हें दस दिवसीय गणपति उत्सव के अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करते हुए दिखाया गया है। दोनों विज्ञापनों के नीचे मराठी में ‘देवाभाऊ’ लिखा है।
हालांकि, यह पता नहीं चल सका है कि इन विज्ञापनों को किसने प्रायोजित किया था। इन्हीं विज्ञापनों को लेकर पत्रकारों ने शिंदे से सवाल किए। उनसे पूछा गया कि क्या ये विज्ञापन फडणवीस को मराठा आरक्षण मुद्दे का नायक बताने का प्रयास हैं। इस पर शिंदे ने कहा कि हम श्रेय लेने की होड़ में नहीं हैं। मराठा समाज हो या ओबीसी समाज, दोनों को न्याय दिलाने का काम महायुति सरकार ने किया है। इसका प्रमाण पिछला विधानसभा चुनाव ही है। अब देवेंद्र फडणवीस और मैंने अपनी दूसरी पारी टीम बनकर शुरू की है। हमारा एजेंडा राज्य का विकास और गरीब-जरूरतमंदों की मदद है।
मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थक मनोज जरांगे ने बीते मंगलवार को मुंबई में पांच दिन से चल रहे अपने अनशन को तब खत्म किया जब सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगें मान लीं। राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसमें पात्र मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी (ओबीसी) जाति प्रमाणपत्र देने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि सरकार ने मराठा समाज के हित में समाधान निकाला है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार का राष्ट्रवादी कांग्रेस दल शामिल है।