बिच्छू राउंडअप/घबराने की जरूरत नहीं, बातचीत चल रही है, ट्रंप के टैरिफ पर बोले पीयूष गोयल

  • रवि खरे

घबराने की जरूरत नहीं, बातचीत चल रही है, ट्रंप के टैरिफ पर बोले पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिकी टैरिफ की वजह से उपजे तनाव को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत और अमेरिका एक न्यायसंगत, संतुलित और निष्पक्ष समझौते पर पहुंचेंगे। पीयूष गोयल ने गुरुवार को एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में आश्वासन दिया कि भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध बने रहेंगे। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि घबराने की कोई जरूरत है। हमें बातचीत होने देनी चाहिए। अमेरिका के साथ हमारे अच्छे संबंध बने हुए हैं। मुझे विश्वास है कि हम इनमें से कुछ मुद्दों को सुलझाकर एक न्यायसंगत, संतुलित और निष्पक्ष समझौते पर पहुंचेंगे। बातचीत की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, बातचीत में कोई समय-सीमा नहीं होती। आपको इसे धैर्यपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि आप इसे दीर्घकालिक रूप से कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। शुरुआत में ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, जबकि बाद में उन्होंने भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात का हवाला देते हुए 25 फीसदी का और टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50त्न हो गया।
ट्रंप ने तकनीक के दिग्गजों को दी डिनर पार्टी, एलन मस्क रहे नदारद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में तकनीक के दिग्गजों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। इस रात्रिभोज में अमेरिका के बड़े-बड़े दिग्गज शुमार हुए। हालांकि हैरान करने वाली बात ये रही कि एक समय राष्ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी रहे और उनकी सरकार में सरकारी दक्षता विभाग की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क इस पार्टी में शामिल नहीं हुए। वहीं एलन मस्क के विरोधी और ओपनएआई के संस्थापक सैम ऑल्टमैन इस रात्रिभोज में शामिल हुए। कार्यक्रम में मस्क की गैरमौजूदगी कई लोगों को खली, क्योंकि मस्क कभी ट्रंप के बेहद करीबी थे, लेकिन बाद में एक विधेयक को लेकर दोनों के रिश्तों में तल्खी आ गई और बात इतनी बढ़ी कि दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मस्क के प्रतिद्वंद्वी और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी शिफ्ट 4 के प्रमुख जेरेड इसाकमैन भी शामिल हुए।
सुप्रीम कोर्ट- गवाह को संरक्षण जमानत निरस्त करने का विकल्प नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गवाहों को धमकी देने वाले आरोपियों की जमानत रद्द की जानी चाहिए, न कि संरक्षण के लिए गवाहों को बाध्य किया जाना चाहिए। गवाह संरक्षण जमानत रद्द करने का विकल्प नहीं हो सकता। शीर्ष कोर्ट ने यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट की ऐसी प्रथा पर सवाल उठाते हुए की है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि धमकियों के कारण अभियुक्तों की जमानत रद्द करने की मांग करने वाले लोगों को गवाह संरक्षण योजना के तहत राहत के लिए बाध्य किया जा रहा है। ऐसा कानून की गलत धारणा के आधार पर किया जा रहा है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा, हमें यह जानकर निराशा हुई है कि इस तरह का आदेश पारित करने की प्रथा दो वर्षों से भी अधिक समय से प्रचलन में है। पीठ ने कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट की वेबसाइट पर एक साल में पारित ऐसे कम से कम 40 आदेश मिले हैं। हैरानी की बात यह है कि सभी आदेश एक-दूसरे की हूबहू नकल हैं। यह दुखद है।
जीएसटी सुधार से हर वर्ग को राहत, खपत व अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को अप्रत्यक्ष करों की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी थी। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी थी। पनीर, छेना, टेट्रा पैक दूध, रोटी, चपाती पराठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है। सरकार ने रोटी, कपड़ा और मकान के साथ व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा भी सस्ता कर दिया है, जिसका लंबे समय से इंतजार था। टैक्स स्लैब को चार से घटाकर दो करने के साथ दरों में कटौती से सरकार ने दिवाली से पहले हर वर्ग को राहत दी है।

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