भोपाल में बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

  • 371.95 करोड़ का निवेश, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को मजबूती

गौरव चौहान
भोपाल जिले के बैरसिया तहसील के ग्राम बांदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित होगा। परियोजना के लिए 210.21 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर आधारित इस परियोजना की कुल लागत 371.95 करोड़ रुपये होगी। इसमें 146.63 करोड़ केंद्रांश और 225.32 करोड़ राज्यांश शामिल होगा। इससे 10 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। केंद्र सरकार की ईएमसी 2.0 स्कीम के तहत स्थापित होने वाले कलस्टर की मंजूरी मोहन कैबिनेट ने दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना प्रदेश में डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के लक्ष्यों को नई गति देगी। यहां कॉमन फैसिलिटी सेंटर और विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना विकसित की जाएगी, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) से जुड़े उद्योग लगाए जाएंगे। इस क्लस्टर में एक कॉमन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) भी बनेगा, जहां उत्पादन और रिसर्च के लिए आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इससे निवेशकों को जल्दी काम शुरू करने का मौका मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से प्रदेश में हजारों रोजगार के मौके तैयार होंगे और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के बढऩे से राजस्व में भी इजाफा होगा।
भोपाल में मेक इन इंडिया का कॉन्सेप्ट होगा साकार
 भारत सरकार की प्राथमिकता के अनुसार डिजिटल इंडिया एवं मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट को साकार करने में ईएमसी 2.0 योजना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस क्लस्टर के जरिए प्रदेश के इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं को गाइडेंस भी दिया जाएगा। साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग इसका नोडल विभाग है। यह क्लस्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में काम करेगा। यह क्लस्टर सामान्य सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण क्षेत्र के संवर्धन को बढ़ावा देगा। ईएमसी 2.0 परियोजना से इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में नए निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। निर्माण इकाइयों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। निर्माण इकाईयों द्वारा भुगतान किए जाने के मद्देनजर करों के रूप में शासकीय राजस्व में वृद्धि होगी।
जीएमसी में बनेगा इंडोक्राइनोलॉजी रिसर्च सेंटर
कैबिनेट बैठक में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में इंडोक्राइनोलॉजी रिसर्च सेंटर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। विभाग के लिए 20 नए पदों का सृजन किया जाएगा। इनमें प्राध्यापक का 1. सहायक प्राध्यापक का 1, सीनियर रेसीडेंट के 2, जूनियर रेसीडेंट के 2, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के 2 और नर्सिंग ऑफीसर के 12 पद शामिल हैं। साथ ही 1 डायटीशियन को आउटसोर्स आधार पर निश्चित वेतनमान पर नियुक्त किया जाएगा। सेंटर बनने से राज्य में हार्मोन संबंधी रोगों के निदान एवं उपचार में उच्च गुणवत्ता की विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी और सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूती मिलेगी। इसके बाद वर्तमान में एमबीबीएस की 250 सीट उपलब्ध है। भारत सरकार की योजना के अंतर्गत अभी इसमें 134 सीटों के लिए मंजूरी दी गई है।
आदिवासी बच्चों को अब 12 महीने मिलेगी शिष्यवृत्ती
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि अभी तक आदिवासी बच्चों को एक साल में शिष्यवृत्ति 10 महीने के लिए दी जाती थी। अब उन्हें 12 महीने की शिष्यवृत्ती दी जाएगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। आदिवासी छात्रों को 1650 और आदिवासी छात्राओं को 1700 स्कॉलरशिप दी जाती है।
कैलारस कारखाना एमएसएमई विभाग को हस्तांतरित होगा
कैबिनेट ने मुरैना जिले में मुरैना मंडल सहकारी शकर कारखाना कैलारस के परिसमापन की कार्रवाई पूरी किए जाने एवं कारखाने की समस्त भूमियों 22.340 हेक्टेयर को शासन में वेष्ठित किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय अनुसार एमएसएमई विभाग को मुरैना जिले में रोजगार आधारित उद्योगों के विकास के लिए कारखाना को हस्तातरित किया जाएगा। इसके लिए एमएसएमई विभाग के माध्यम से कारखाना के परिसमापक को लगभग 61 करोड रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। निर्णय अनुसार राज्य शासन से परिसमापक को जो राशि प्रदान की जाएगी, उसका उपयोग कर्मचारियों की देनदारियों, किसानों के पूर्व वर्षों के भुगतान सहित अन्य देनदारियों के निराकरण में किया जाएगा।
पांच आयुर्वेद कॉलेज व वेलनेस सेंटर खुलेंगे
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा के सकल्प पत्र में कहा गया था कि हर संभाग में आयुर्वेद कॉलेज और वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा। इसी तारतम्य में कैबिनेट ने पांच शहरों-सागर, शहडोल, मुरैना, नर्मदापुरम और बालाघाट में आयुर्वेद महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर बनाने के लिए 350 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। साथ ही 1570 पदों की स्वीकृति दी गई है। इनमें 715 नियमित पद एवं 855 पद आउटसोर्स के माध्यम से भरे जाएंगे। यहां आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। इन सेंटर्स में रुककर लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ले सकेंगे। एक महाविद्यालय की निर्माण लागत 70 करोड़ होगी।

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