
- पुलिस की सभी भर्तियां पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से होंगी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में कानून व्यवस्था और सिंहस्थ-2028 को देखते हुए अगले तीन सालों में पुलिस विभाग में 22,500 पदों पर भर्ती की जाएगी। चालू वित्त वर्ष के लिए पुलिस महकमे में मंजूर पदों की भर्ती मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) करेगा। इसके बाद साल 2026 से ये भर्तियां पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा ही की जाएंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 अगस्त को पुलिस पदक प्राप्त अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिजनों के सम्मान समारोह में कहा था कि अब पुलिस की सभी भर्तियां पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से होंगी। लगातार तीन साल तक साढ़े सात-साढ़े सात हजार पदों पर भर्ती होगी। उन्होंने कहा था कि इन पदों पर भर्ती होते-होते दो हजार पद रिक्त हो जाएंगे, जिन्हें भी भरा जाएगा। अभी तक पुलिस विभाग में भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से होती रही हैं। सीएम यादव की घोषणा के बाद अब पुलिस विभाग के सभी रिक्त पदों की जानकारी सामने आई है और 22,500 रिक्त पाए गए हैं। माना जा रहा है कि 22,500 पदों को तीन सालों में भरने के बाद सिंहस्थ-2028 के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए सुदृढ़ पुलिस बल उपलब्ध हो सकेगा।
आधुनिक होगा गृह विभाग- सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव यह भी कह चुके हैं कि गृह विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए शीघ्र ही गृह एवं वित्त विभाग की संयुक्त बैठक कर सभी लंबित मामलों का समुचित समाधान कर लिया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सडक़ों पर उतरे लोग, लावारिस कुत्ते पकडऩे का विरोध
नईदिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सोमवार से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राजधानी में लावारिस कुत्तों को पकडऩे का अभियान तेज कर दिया। पहले ही दिन निगम की टीमों को लोगों के गुस्से और विरोध का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में स्थानीय लोग और पशु-प्रेमी कार्रवाई के खिलाफ खड़े हो गए। इस दौरान एमसीडी के वाहन में तोडफ़ोड़ भी की। उन्होंने न केवल कर्मचारियों को कुत्ते पकडऩे से रोका, बल्कि जहां कुत्ते पकड़ लिए गए थे, उन्हें भी रिहा करवा दिया। कई जोन में एमसीडी एक भी कुत्ता नहीं पकड़ सकी और टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। एमसीडी के अधिकारी के अनुसार कई टीमें सुबह से ही अलग-अलग इलाकों में गई थीं। एमसीडी ने अपने मुख्यालय सिविक सेंटर से पहल करते हुए लगभग एक दर्जन कुत्ते पकड़े, लेकिन आवासीय इलाकों में स्थिति अलग रही। जहां-जहां अभियान चला वहां बड़ी संख्या में लोग विरोध करने लगे। उनका कहना था कि इस तरह कुत्तों को अचानक उठाना अमानवीय है और इससे पशुओं के साथ अन्याय होगा।
कई जगह कुत्ते छुड़वा लिए गए
अधिकारी ने बताया कि विरोध इतना कड़ा रहा कि कई जगह कुत्ते छुड़वा लिए गए। स्थानीय लोगों ने निगम कर्मचारियों से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में मनमानी न करें। पशु-प्रेमियों का तर्क है कि अब तक की नीति के तहत कुत्तों को नसबंदी के बाद वापस छोड़ा जाता है, लेकिन इस बार उन्हें कैद में रखना निर्दयता है। उधर, एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि वे अदालत के निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई कर रहे हैं। आदेश के तहत पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी के बाद उनके पुराने इलाके में छोडऩे के बजाय निगम के नियंत्रण वाले केंद्रों में ही रखा जा रहा है। अब तक 800 से अधिक कुत्ते पकडक़र केंद्रों में रखे जा चुके हैं।
