बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/40 जिलों के सरकारी स्कूलों में बनेंगे बच्चों के आधार कार्ड, सोमवार से होगी शुरुआत

आधार कार्ड

40 जिलों के सरकारी स्कूलों में बनेंगे बच्चों के आधार कार्ड, सोमवार से होगी शुरूआत
प्रदेश में स्कूली बच्चों के आधार कार्ड बनाने का काम अब स्कूलों में ही किया जाएगा। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, यूआईडीएआई के साथ समन्वय करके आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्था शुरू कराई है। आधार कार्ड बनाने का काम कल सोमवार 18 अगस्त से शुरू होगा। सरकारी स्कूलों में छात्रों की सुविधा के लिए आधार नामांकन और अपडेट शिविर लगाये जाएंगे। इस अभियान का नाम विद्यार्थी के लिए आधार. अब विद्यालय के द्वार रखा गया है। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि 18 अगस्त से प्रारंभ होने वाला अभियान का पहला चरण मध्यप्रदेश के 40 जिलों में एक साथ शुरू होगा और एक से दो महीने तक चलेगा। आधार शिविरों की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए, यूआईडीएआई ने जिलों में उन पिन कोड की पहचान की है, जहां सबसे ज़्यादा एमबीयू लंबित हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्य रूप से इन पिन कोड के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों को शिविरों के लिए चुना है। शेष 15 जिलों में दूसरा चरण सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू होगा।

हर विभाग में अनुकंपा प्रकरण लंबित, आश्रितों की टूट रही आस
मुख्यमंत्री विभागों में जिन अनुकंपा प्रकरणों का समय-सीमा में निर्देश दे चुके हैं। उनका पालन किसी भी विभाग में नहीं देखा जा रहा है। अनेक विभाग ऐसे हैं, जहां पांच-पांच साल से अनुकंपा के प्ररकण फाइलों में दबे पड़े हैं। ऐसी स्थिति में कई आश्रित भी प्रतीक्षा करते-करते उम्रदराज हो चुके है। अनुकंपा प्रकरणों का समाधान करने विभागवार अभियान चलाने के निर्देश सीएम दे चुके हैं, लेकिन किसी भी विभाग में इसका पालन नहीं हो रहा है। अकेले पंचायत विभाग में देखें तो पांच सौ प्रकरण अनुकंपा के लंबित पड़े हैं। साल 2011 से एक भी प्रकरण का विभाग में समाधान नहीं हो पाया है। पूर्व और मौजूदा विभागीय मंत्री को भी सचिव पीड़ा बता चुके हैं। आश्वासन मिले, लेकिन दिवंगतों के आश्रितों को न्याय नहीं मिल पाया है। स्कूल शिक्षा विभाग में सात सौ प्रकरण लंबित पड़े हैं। ज्यादातर उन दिवंगत अध्यापकों के यह प्रकरण हैं, जिनका शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ था। इसमें विभाग द्वारा बनाया गया जटिल नियम अनुकंपा में भारी पड़ रहा है। इस नियम में डीएड-बीएड करना अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग में चार सौ प्रकरणों का चार साल बाद भी समाधान नहीं हो पाया है। अकेले भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में देखें तो साल 2018 के पूर्व जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को अनुकंपा नहीं मिल पाई है।

मंत्री के हाथ सम्मान कराने से मीसाबंदी ने किया इनकार
स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में शुक्रवार को असहज स्थिति बन गई। यहां एक मीसाबंदी ने उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के हाथों सम्मान कराने से इनकार कर दिया। मंत्री और कलेक्टर सुधीर कोचर भरे मैदान में मीसाबंदी संतोष भारती को मनाते रहे, लेकिन वे नहीं माने। सख्त लहजे में नाराजगी जताई और उंगली दिखाकर चेतावनी देते हुए मंत्री के हाथ में एक आवेदन दिया। इसके बाद समारोह छोडक़र चले गए। मीसाबंदी संतोष भारती ने कहा कि मैंने 40 साल पहले हाउसिंग बोर्ड से जमीन खरीदी थी। रजिस्ट्री कराने गया तो अफसर ने 5000 रुपए की रिश्वत मांगी। मैंने रिश्वत नहीं दी तो हाउसिंग बोर्ड आज तक रजिस्ट्री नहीं कर रहा।

मप्र युवा कांग्रेस की फेसबुक पोस्ट पर विवाद, बाद में हटाई
मप्र यूथ कांग्रेस के स्वतंत्रता दिवस पर फेसुबक पर एक पोस्ट को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। यूथ कांग्रेस की फेसबुक आईडी से पीसीसी में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम का एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें इंडिपेंडेंस डे पाकिस्तान लिखा गया। हालांकि जैसे ही इस मामले पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई पोस्ट डिलीट कर दी गई। लेकिन भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। खेल और युवा कल्याण मंत्री ने इसे कांग्रेस की मानसिकता बताया। मप्र युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह का कहना है कि हमारा पेज हैक हो गया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

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