इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर संदीपा विर्क अरेस्ट

संदीपा विर्क
  • 40 करोड़ की लोन धोखाधड़ी में ईडी का एक्शन

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। प्रवर्तन निदेशालय ने इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर संदीपा विर्क को एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। संदीपा के इंस्टाग्राम पर 12 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। ये मामला रिलायंस कैपिटल से जुड़े कथित फंड डायवर्जन से जुड़ा है। ईडी ने 12 और 13 अगस्त को दिल्ली और मुंबई में तलाशी अभियान चलाया, जिसमें संदीपा विर्क और अब बंद हो चुकी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पूर्व निदेशक अंगाराई नटराजन सेतुरमन के बीच कथित सांठगांठ का खुलासा हुआ। ये जांच पंजाब पुलिस (फेज-8, एसएएस नगर) की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप हैं। ईडी का आरोप है कि संदीपा विर्क ने गलत दावे और झूठे वादों के जरिए संपत्तियां खरीदीं और अवैध पैसे को अपनी वेबसाइट के जरिए घुमाया। ये साइट एफडीए-अप्रूव्ड ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने का दावा करती थी, लेकिन जांच में पता चला कि प्रोडक्ट असली नहीं थे, पेमेंट सिस्टम काम नहीं कर रहा था और सोशल मीडिया पर भी ग्राहकों की भागीदारी बेहद कम थी। ईडी की छापेमारी में सेतुरमन के घर से संदीपा के साथ कथित गैरकानूनी लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और फंड डायवर्जन के सबूत मिले। जांच में सामने आया कि 2018 में रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड ने सेतुरमन को 18 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया, जो नियमों के खिलाफ था। लोन पर मूलधन और ब्याज की अदायगी टाल दी गई, छूट दी गई और कोई उचित जांच नहीं हुई। इसके अलावा, रिलायंस कैपिटल ने उन्हें 22 करोड़ रुपये का होम लोन भी दिया, जो मानकों का उल्लंघन था। इन लोन की बड़ी रकम अब भी बकाया है और आशंका है कि यह पैसा हेराफेरी में इस्तेमाल हुआ। इंस्टाग्राम पर 12 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाली एक मशहूर इन्फ्लुएंसर को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी ने 40 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिकंजा कसा है।
लोगों से पैसे ऐंठने का आरोप
संदीपा विर्क नाम की इस इन्फ्लुएंसर के खिलाफ यह मामला मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज की गई एक प्राथमिकी (एफआईआर) से जुड़ा है। इसमें उन पर झूठे बहाने और गलत दावों के जरिए लोगों से पैसे ऐंठने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली में कई ठिकानों पर ठापामारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत धन शोधन के एक मामले में मंगलवार और बुधवार को दिल्ली और मुंबई में कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
 ईडी ने पाई फर्जी वेबसाइट
ईडी के अनुसार, संदीपा विर्क पर धोखाधड़ी से पैसे लेने का आरोप है। उन्होंने खुद को वेबसाइट नामक एक वेबसाइट की मालकिन बताया, जो अनुमोदित सौंदर्य उत्पाद बेचने का दावा करती थी। हालांकि, जांचकर्ताओं ने पाया कि ये उत्पाद मौजूद ही नहीं थे, वेबसाइट में उपयोगकर्ता पंजीकरण सुविधाएं नहीं थीं, भुगतान गेटवे लगातार विफल हो रहा था और सोशल मीडिया पर भी इसकी मौजूदगी नहीं थी।
नटराजन सेथुरमन के साथ कथित संबंधों का भी पता चला
इसके अलावा, संदीपा का व्हाट्सएप नंबर बंद था और कंपनी का कोई भी संपर्क नंबर उपलब्ध नहीं था। जो साफ तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा कर रहा था। ईडी की जांच में विर्क के अब बंद हो चुकी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के पूर्व निदेशक अंगाराई नटराजन सेथुरमन के साथ कथित संबंधों का भी पता चला। सेथुरमन के आवास पर तलाशी अभियान से कथित तौर पर अवैध संपर्क कार्य और निजी लाभ के लिए धन के दुरुपयोग में उनकी भूमिका की पुष्टि हुई। एजेंसी ने कहा कि 2018 में रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) से लगभग 18 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि सेथुरमन को बिना किसी उचित जांच-पड़ताल के और अत्यधिक अनियमित ऋण शर्तों के तहत वितरित की गई, जिसमें ऋण स्थगन और कई बार माफी की अनुमति थी। समाचार एजेंसी को दिए एक बयान में सेथुरमन ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने विर्क या उनसे संबंधित किसी भी लेन-देन से किसी भी तरह के संबंध से भी इनकार किया।

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