काली कमाई के कुबेर का साथी रिहा

काली कमाई

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  राजधानी के मेंडोरी इलाके में इनोवा कार से 52 किलो सोना और करीब 11 करोड़ रुपये कैश बरामदगी के मामले में फंसे कार मालिक चेतन सिंह गौर को हाईकोर्ट ने मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि पत्नी और समय से पहले जन्मे दोनों बच्चों की गंभीर तबीयत को देखते हुए चेतन की मौजूदगी जरूरी है। यह राहत 27 अगस्त तक के लिए दी गई है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि चेतन 28 अगस्त या उससे पहले ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करेगा। जमानत के लिए 50 हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही रकम की सॉल्वेंट जमानत भरनी होगी।
 हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रमोद कुमौर अग्रवाल की एकलपीठ ने परिवहन विभाग में करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के साथी चेतन सिंह को मानवीय आधार पर 27 अगस्त तक की अंतरिम जमानत दी की है। दरअसल, आईवीएफ उपचार के बाद गर्भधारण करके चेतन की पत्नी ने दो जुड़वा बच्चों को सर्जरी से जन्म दिया है। बच्चों और पत्नी की देखरेख के लिए जमानत की मांग की थी। जेल में बंद चेतन सिंह की ओर से अंतरिम जमानत के लिए दायर आवेदक में कहा गया था कि गर्भधारण के लिए पत्नी का दौ बार आइवीएफ उपचार करवाया था। इसके बाद 14 जून को पत्नी ने समय से पूर्व जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। जुड़वा बच्चों को कड़ी चिकित्सीय निगरानी में एनआईसीयू में भर्ती कराया गया है। वह अपनी पत्नी और बच्चों का एकमात्र देखभालकर्ता है और उन्हें उसकी उपस्थिति की तत्काल आवश्यकता है।
28 को करना होगा आत्मसमर्पण
सरकारी अधिवक्ता की ओर से अंतरिम जमानत आवेदन का विरोध किया गया, लेकिन मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने चेतन को आगामी 27 अगस्त तक के लिए अंतरित जमानत का लाभप्रदान किया है। उसे 28 अगस्त से पहले संबंधित निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। आवेदन निर्धारित समय अवधि में आत्मसमर्पण नहीं करता है तो निचली अदालत उसे हिरासत में लेने के लिए स्वतंत्र होगी।
हाईकोर्ट ने मांगी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने प्रटवारी भर्ती परीक्षा के विवाद में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मांगनी है। इस सिलसिले में राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं। जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। अपीलकर्ता भोपाल निवासी नितिन जैन की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ वर्मा ने पक्ष रखा। उनका आरोप है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षा के सात प्रश्न (प्रश्न क्रमांक 6, 33, 46, 65, 126, 118, 124) को बिना ठोस कारण मनमाने ढंग से रद कर दिया, जिसके कारण उन्हें योग्य अंक नहीं मिल सके। उनका दावा है कि यदि इन त्रुटियों को सुधारा जाए तो वह चयन सूची में आ सकते हैं।

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