
- आबकारी आयुक्त सहित 26 जिला कार्यालयों की कैग रिपोर्ट से खुलासा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शराब ठेकेदारों द्वारा हेरफेर और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से शासन को वर्ष 2022 में 2569 प्रकरणों से 756.14 करोड़ का नुकसान हुआ। यह घाटा लायसेंस आवंटन, बैंक गारंटी, प्रतिभूति राशि, मदिरा भण्डार, शास्ति अधिरोपण, बकाया वसूली और मुद्रांक शुल्क जमा नहीं कराए जाने जैसे प्रकरणों से हुआ।
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा वर्ष 2022 के फरवरी से अक्टूबर माह की अवधि के दौरान 26 जिला आबकारी कार्यालयों और आबकारी आयुक्त कार्यालय के लेखापरीक्षण में यह गड़बड़ी उजागर हुई है।
ये हुई गड़बडिय़ां
– धार: शराब दुकानों के लिए दो समूहों की 49.86 करोड़ की बोली के बाद प्रतिभूति राशि जमा नहीं कराई। लायसेंस निरस्त होने के बाद आरआरसी से भी 9.58 करोड़ की वसूली नहीं हो सकी।
– नर्मदापुरम: 19 लाससेंसधारियों से 18.39 करोड़ राशि की बैंक गारंटी का सत्यापन नहीं किया। बद्री प्रसाद जायसवाल के नाम से जारी बैंक गारंटी लायसेंसी रविन्द्र सिंह और सुश्री प्रियंका जायसवाल के नाम की बैंक गारंटी राहुल जायसवाल ने जमा की।
– रीवा: जिले की सभी 77 मदिरा दुकानों के समूह लायसेंस मैसर्स गोपाल एसोसिएट्स, बिलासपुर, को आवंटित किया। समूह से 51.38 करोड़ की वसूली नहीं हो सकी। समूह में शामिल निकुंज शिवहरे जिसने मुरैना में भी ठेका लिया। डीईओ रीवा की सूचना के बाद भी डीईओ मुरैना ने 3.63 करोड़ की गारंटी जब्त नहीं कर समायोजित कर दी।
– 20 जिलों में 40 मदिरा भंडारगारों, सात बॉटलिंग संयंत्रों ने न्यूनतम मदिरा भंडार नहीं रख। पट्टा विलेख नहीं किया, 1.64 करोड़ शास्ति वसूली नहीं की।
– लायसेंस रद्द करने वाले ठेकेदारों से 241.50 करोड़ की वसूली नहीं की। नई आबकारी नीति चार महीने में ही निरस्त होने से 471.38 करोड़ राजस्व हानि हुई।
– बैतूल, सिंगरौली और रीवा में ईएसआई ने 6 दुकानों में 1,05,268 बोतलें जब्त कीं। डीईओ ने कुल 14,042 बोतलों का भण्डार दर्ज किया।
– 91,226 बोतलें छिपा लीं। इससे 1.69 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ
– 329 में से 38 ने लायसेंस सरेंडर किए। इनसे 13.98 करोड़ की वसूली हो सकी। 279 करोड की नहीं। 17 से 37.49 करोड़ की वसूली के प्रकरण न्यायालय में लंबित है। 11 प्रकरणों में 232 करोड़ की वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।
– वर्ष 2019 से 21 तक 2494 प्रकरणों में अधिरोपित 26 लाख शास्ति से अकेले मुरैना में 1.37 लाख की वसूली हो सकी।
– 8 जिलों में 58 प्रकरणों में 32.30 करोड़ प्रतिभूति राशि जमा हुई थी। इस पर 2, 12, 442 में से कुल 1,81,024 कम जमा हो पाया।
कैग की अनुशंसाएं
– लायसेंस के लिए आवेदक की वित्तीय स्थिति की जांच हो।
– बैंग गारंटी की वास्तविकता की पुष्टि हो, गलत प्रस्तुत करने वालों पर कार्रवाई हो।
– बैंक गारंटी की जांच के लिए प्रणाली लागू हो। बकाया की भी जांच हो।
– ईएसआई और एडीईओ की भूमिका की जांच हो।
– शासन सभी भुगतानों की जांच करे। विभागीय रिकार्ड ट्रेजरी/भुगतान का मिलान करे।