रूस से भारत का तेल खरीदना भारत-अमेरिका रिश्तों में चुभन का कारण: मार्को रुबियो

मार्को रुबियो

न्यूयॉर्क। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि भारत की तरफ से रूस से तेल खरीदना ‘निश्चित रूप से भारत-अमेरिका रिश्तों में एक चुभन का कारण’ बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत की ये खरीदारी यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद कर रही है। मार्को रुबियो ने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, ‘भारत हमारा सहयोगी है, एक रणनीतिक भागीदार है। पर विदेश नीति में हर बात पर 100% सहमति नहीं हो सकती।’ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से यह सवाल पूछा गया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से तेल व सैन्य साजो-सामान खरीदने पर अतिरिक्त सजा लगाने के एलान के पीछे अमेरिका की नाराजगी कितनी गहरी है। मार्को रुबियो ने माना कि भारत को ऊर्जा की भारी जरूरतें हैं और इसलिए वह तेल, कोयला और गैस रूस से खरीदता है। उन्होंने कहा, ‘रूसी तेल पर अंतरराष्ट्रीय पाबंदियां हैं, इसलिए वह सस्ता बिक रहा है। भारत को सस्ती ऊर्जा की जरूरत है, लेकिन इससे रूस की युद्ध मशीन को फंड मिल रहा है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह भारत-अमेरिका रिश्तों में एक चुभन की बात है। और भी मुद्दे हैं जिनमें मतभेद हैं, लेकिन बहुत-सी बातों में सहयोग भी है। ट्रंप के इस एलान के एक दिन बाद यह बयान आया है कि 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा और रूस से तेल व हथियार खरीदने पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अमेरिका की ओर से भारत पर दबाव डालने की रणनीति है, ताकि वह अमेरिकी मांगों को मानने के लिए तैयार हो जाए। अमेरिका हाल ही में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के साथ बेहतर व्यापार समझौते कर चुका है और अब भारत से भी उसी तरह की रियायतें चाहता है। इस पर भारत सरकार ने कहा है कि वह देशहित में सभी जरूरी कदम उठाएगी और टैरिफ के प्रभावों की समीक्षा की जा रही है।

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