
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के देवरी से विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा कर तीखे हमले बोले। इसे सुनकर कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर मेज और पटेरिया की पीठ थपथपाई। पटेरिया ने गुरुवार को विश्व के प्रथम कवि तुलसीदास की जन्म जयंती होने का हवाला देते हुए उनके द्वारा रचित रामायण की एक चौपाई से अपनी बात शुरू की। पटेरिया ने रामायण की चौपाई का उद्धरित करते हुए कहा कि… होई है वही जो राम रची राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा.. यहां भी मेरे मामले में होना वही है जो पहले तय हो गया होगा। इसलिए यहां तर्क-वितर्क करने से कोई लाभ है नहीं। आपने 9 अगस्त तक का समय भ्रष्ट पदाधिकारी को दे दिया है। अब जब 9 अगस्त मध्यदेश सरकार ने तय कर दया है तो उसके पहले मुझे कुछ कहना अनुचित होगा। पार्टी के अनुशासन का दंड भी मेरे ऊपर है, पार्टी लाइन भी है और इतने गूढ़ विषय में और अधिक अंदर नहीं जाना चाहता। केवल इतनी अपील और उम्मीद करता हूं कि जब मध्यदेश शासन ने जांच करवा ली, आरोपी जांच में दोषी पाये गये, सरकार के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश समय सीमा के अंदर कायवाही के हैं तो कार्यवाही विलंबित क्यों है। क्यों भ्रष्ट अधिकारी को बार-बार समय दिया जा रहा रहा है। ठीक है, सरकार की मंशा है में भी सहमत हूं, सरकार का हिस्सा हूं। पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं। बस में तो इतना ही कहना चाहता हूं कि – पीछे बंधे हैं हाथ मुंह पर पड़े हैं ताले, किससे कहें, कैसे कहें कि पैर का कांटा निकाल दो। असल में पटेरिया ने नगर पालिका परिषद देवरी के अध्यक्ष पर वित्तीय अनियमितता के बाद भी कार्रवाई न होने का मामला उठाया था। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने कहाकि बाढ़ का हवाला देते हुए आठ दिन का समय दिया गया है।