- पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में सरकार को घेरा
- गौरव चौहान

विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने किताबों के वितरण और स्कूली की मनमानी का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरा। सदन में अजय सिंह ने कहा कि पहली कक्षा के छात्र के लिए बैग का अधिकतम वजन 2.2 किलो होना चाहिए, लेकिन आज स्थिति यह है कि बच्चे 4-5 किलो तक का बोझ ढो रहे हैं। विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि निजी स्कूल एक ही दुकान से किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालते हैं। किताबों की रंगीन छपाई हर साल बदल जाती है, ताकि पुरानी किताबें काम न आएं। बाल गीत की किताब में इस साल एप्पल पीला है, अगले साल लाल हो जाएगा, और बच्चा बोलेगा, आपने तो पुरानी किताब ला दी। इस तरह से अभिभावकों को चुनिंदा चुनिंदा बुक स्टेशनरी से किताबें खरीदने के लिए स्कूलों द्वारा मजबूर किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के पोर्टल पर शिकायती व्यवस्था को भी विधायक ने लचर बताया। उन्होंने सदन में दस्तावेज लहराते हुए कहा कि भोपाल कलेक्टर द्वारा गठित निरीक्षण दल की सूची में अधिकारियों के नाम और फोन नंबर तक गलत थे। अजय सिंह ने कहा कि जब एनसीईआरटी की किताबें मान्यता प्राप्त हैं और सीबीएसई बोर्ड उन्हें अनिवार्य मानता है, तो मध्यप्रदेश में सभी स्कूलों के लिए इन्हें अनिवार्य क्यों नहीं किया जा सकता? इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने कहा कि इस साल किताब का प्रकाशन कराकर अप्रैल के पहले वितरण करने की व्यवस्था की है। अगले साल इस व्यवस्था में और सुधार किया जाएगा। सरकार बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर लगताार कार्रवाई भी की जा रही है।
बच्चों की फीस वापस कराई
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों के मामले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति द्वारा कार्रवाई की जाती है। इस मामले में 106 शिकायत मिल चुकी हैं, जिसमें फीस वापस कराई गई है और जुर्माना भी लगाया गया है। इस पर 8 अप्रैल 2025 को कलेक्टर के आदेश का जिक्र करते हुए विधायक अजय सिंह ने कहा कि कलेक्टर ने जो आदेश जारी किया, उसमें अधिकारियों के नाम और फोन नंबर गलत थे। यह किस तरह की व्यवस्था है? अगर शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में सरकार गंभीर नहीं है तो किस मामले में गंभीर होगी? अजय सिंह के सवाल का जवाब देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने बताया कि हरदा, भोपाल, जबलपुर और नर्मदापुरम जैसे जिलों में निजी स्कूलों पर कार्यवाही हुई है। जबलपुर में अवैध फीस वसूली के मामलों में करोड़ों रुपये की राशि अभिभावकों को लौटाई गई। 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए एनसीईआरटी किताबें अनिवार्य हैं। इस वर्ष पहली बार अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पूरे प्रदेश में छात्रों को पाठ्यपुस्तकें वितरित की गई हैं।
मनमानी फीस वसूल रहे
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक अजय सिंह ने कहा कि निजी स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं। इससे अभिभावक परेशान हैं। शिक्षा माफिया के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जवाब में कहा कि अनुचित फीस वसूलने को लेकर प्रदेश में अधिनियम लागू है, सभी कलेक्टरों को नियमों अधिनियम के क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं। शिकायत प्राप्त होने पर कार्रवाई करने की व्यवस्था है। मंत्री ने फीस नियंत्रण को लेकर लागू की गई पूरी व्यवस्था की जानकारी सदन में देते हुए कहा कि फीस वसूली को लेकर जानकारी अपलोड करने के लिए 8 अगस्त की समय सीमा तय है। इसके बाद जो स्कूल जानकारी अपलोड नहीं करेंगे, उन पर कलेक्टर कार्रवाई करेंगे।
जनप्रतिनिधियों पर झूठे प्रकरणों के मुद्दे पर गर्माया सदन
जनप्रतिनिधियों पर झूठे प्रकरण दर्ज किए जाने के मुद्दे पर मंगलवार को सदन गरमा गया। कांग्रेस विधायकों ने इसके विरोध में नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश में सत्ताधारी दल से जुड़े लोगो द्वारा भय एवं आतंक का माहौल बना दिया गया है। रीवा में एक महिला सीएसपी पर 150 लोगों द्वारा जिनमें एक पूर्व विधायक भी थे, आक्रमण किया गया। महिला सीएसपी को मारा गया। सत्तापक्ष के लोगों द्वारा मेरे खिलाफ 36 घंटे तक अनशन प्रदर्शन कर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया। कांग्रेस विधायक सेना पटेल ने कहा कि मेरे बेटे की गाड़ी खंभे से टकरा गई और उसके खिलाफ किसी के दबाव में 307, 109 बीएनएस धारा के अंतर्गत फर्जी केस दर्ज किया गया। इस धारा को तत्काल हटाया जाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस विधायक दल ने कल मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उनके संज्ञान में भी जनप्रतिनिधियों पर झूठे प्रकरण दर्ज किए जाने का मामला लाया गया था। चौबीस घंटे हो गए, सरकार बताए की इस मामले में क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि इन मामलों की जांच कराई जानी चाहिए। इस पर विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री को कल आप सबने कहा है और उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है, तो उसके बाद तो कोई बात बचती नहीं है।
एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं करवा पा रही सरकार
अजय सिंह ने बच्चों के स्कूल बैग के वजन से लेकर निजी स्कूलों में एनसीईआरटी किताबें लागू नहीं करवा पाने का सवाल उठाया। अजय सिंह ने कहा कि निजी स्कूल साफ-साफ कह रहे हैं कि आपको इसी केंद्र से किताबें खरीदना है। ड्रेस खरीदना है। लूट मची हुई है। नियम बहुत बन जाते हैं, पर इसको ध्यान में रखना होगा कि अभिभावक से लूट न हो। उन्होंने यहां तक कहा कि मंत्री जी के भी नाती-पोते स्कूलों में पढऩे जाएंगे तो उन्हें भी निजी स्कूलों की लूट का शिकार बनना पड़ेगा। मंत्री ने इस पर कड़े से कड़े नियम लागू करने और बच्चों के हित में फैसला लेने की बात कही।
