सीटी स्कैन व एमआरआई मशीने शुरू…गरीबों को मुफ्त इलाज

सीटी स्कैन व एमआरआई मशीने
  • सीएम डॉ. यादव  ने हमीदिया अस्पताल में किया लोकार्पण

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हमीदिया अस्पताल में लंबे समय के बाद सरकार द्वारा खरीदी गईं सीटी स्कैन व एमआरआई जांच मशीन की शुरूआत शुक्रवार को हुई। इन दोनों मशीनों की कीमत करीब 25 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इसमें 7 करोड़ रुपए की सीटी स्कैन व 18 करोड़ रुपए की एमआरआई जांच मशीन है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उक्त दोनों मशीनों का लोकार्पण शुक्रवार दोपहर 11.30 बजे किया। इसके बाद यह सुविधा आम मरीजों के लिए खोल दी गई। पहले दिन करीब आधा दर्जन मरीजों की जांच इन मशीनों से की गई, प्रबंधन का कहना है कि शनिवार को ड्यूटी रोस्टर बनाकर जांचें शुरू की जाएंगी। सीटी स्कैन व एमआरआई से जांचों की सुविधा गरीबों के लिए फ्री और सामान्य मरीजों के लिए बाजार से कम दाम पर उपलब्ध कराई जाएगी।
राजधानी के मरीजों को मिली दोहरी सुविधा
हमीदिया अस्पताल में सीटी स्कैन व एमआरआई जांच की सुविधा शुरू होने का सबसे ज्यादा लाभ शहर की जनता को होने जा रहा है। हमीदिया अस्पताल भोपाल दूसरा ऐसा सरकारी अस्पताल हो गया है, जहां सीटी व एमआरआई जांच कम दाम पर उपलब्ध है। इससे पहले जनवरी में जेपी अस्पताल में एमआरआई मशीन शुरू की गई है। यहां भी सामान्य मरीजों को बाजार से कम दाम पर यह सुविधा उपलब्ध है। अब मरीजों के पास हमीदिया अस्पताल भी एक विकल्प के तौर पर उपलब्ध हो गया है। मरीज अपनी सहूलियत के अनुसार दोनों में से किसी भी अस्पताल में जा सकेंगे।
भर्ती मरीजों को आयुष्मान से मिलेगा लाभ
हमीदिया अस्पताल में जो मरीज भर्ती होते हैं और उनका इलाज आयुष्मान कार्ड से किया जाता है तो ऐसे मरीजों को जांच के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यदि आयुष्मान कार्ड नहीं है तो गरीबी रेखा कार्ड से भी काम हो जाएगा। इसके अलावा जिन मरीजों के पास आयुष्मान और बीपीएल कार्ड नहीं है तो ऐसे मरीजों को सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल स्कीम) की दर पर यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। आपको बता दें कि सीजीएचएस रेट बाजार रेट से कम होते हैं। आयुष्मान योजना के तहत जो भी इलाज दिया जाता है, वह ज्यादातर सीजीएचएस की दर पर ही दिया जाता है।
नई मशीनों से यह होगा फायदा
मरीजों को: मरीजों को अस्पताल में अत्याधुनिक जांच की सुविधा उपलब्ध रहेगी। क्रिटिकल बीमारी और मेजर सर्जरी में इन मशीनों से की गई जांच चिकित्सकों को सटीक इलाज करने में फायदा पहुंचाएगी।
हॉस्पिटल को: यह अत्याधुनिक बेहतर इमेजिंग क्वालिटी के रिजल्ट देती हैं। अस्पताल प्रबंधन गरीबों को निशुल्क सुविधा देने के साथ साथ आम मरीजों की जांच कर राजस्व अर्जित करेगा। इससे अस्पताल को एक निश्चित तौर पर कमाई होगी।
मेडिकल स्टूडेंट्स को: अस्पताल के पास खुद की मशीनें उपलब्ध हो गई हैं। अब यहां पढऩे वाले मेडिकल छात्र-छात्राएं इन मशीनों पर अपनी ट्रेनिंग ले सकेंगे। रेडियोलॉजी विभाग के पीजी स्टूडेंट्स नई मशीनों पर काम करना सीखेंगे जो किं उनके सिलेबस का हिस्सा है।
मेडिकल कॉलेज को: नई मशीनों से गांधी मेडिकल कॉलेज को भी फायदा हुआ है। अब कॉलेज एनएमसी की उस शर्त को पूरा करने में सफल हुआ है, जिसमें कॉलेज के पास खुद की सीटी व एमआरआई मशीन होना चाहिए। बहुत जल्द जीएमसी के रेडियोलॉजी विभाग में सीटें बढऩे की उम्मीद है।

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