ब्रिक्स ‘छोटा समूह’, वे मुझसे डरते हैं: ट्रंप

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ब्रिक्स को ‘एक छोटा समूह’ बताया। उन्होंने कहा कि यह समूह अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व (दबदबा) को खत्म करना चाहता है। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह ब्रिक्स के सदस्य देशों पर 10 फीसदी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाएंगे। बीते दस दिनों में यह दूसरी बार है, जब ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ब्रिक्स के सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, आपके पास एक छोटा समूह है जिसे ब्रिक्स कहा जाता है। यह बहुत तेजी से खत्म हो रहा है, लेकिन ब्रिक्स डॉलर के दबदबे को खत्म करना चाहता है और उसके स्थान पर अपनी मुद्रा को लाना चाहता है। ट्रंप ने यह बयान उस कार्यक्रम में दिया, जहां उन्होंने ‘जीनियस एक्ट’ नाम के पहले क्रिप्टोकरंसी विधेयक पर हस्ताक्षर किए। यह विधेयक स्टेबलकॉइन क्रिप्टोकरंसी के लिए नियामक ढांचे का प्रावधान करता है।

कुछ हफ्ते पहले ट्रंप ने दुनिया के कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का एलान किया था। इसके बाद जुलाई की शुरुआत में रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने अमेरिका की आलोचना करते हुए एक साझा बयान में कहा कि यह एकतरफा टैरिफ बढ़ाना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के खिलाफ है और इससे वैश्विक व्यापार को खतरा होगा। आठ जुलाई को ट्रंप ने कहा था कि ब्रिक्स की स्थापना अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर को कमजोर करने के लिए की गई थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इन देशों को 10 फीसदी टैरिफ झेलना पड़ेगा। ट्रंप ने फिर से यह मुद्दा उठाया और कहा कि जब ब्रिक्स देशों की बैठक हुई तो ज्यादातर लोग वहां नहीं आए, क्योंकि वे टैरिफ से डर गए थे। यह चौंकाने वाली बात है। उन्होंने आगे कहा, नहीं, हम डॉलर को कमजोर नहीं होने देंगे। अगर अमेरिका के पास समझदार राष्ट्रपति हो, तो डॉलर को कभी गिरने नहीं देगा। ट्रंप ने कहा कि डॉलर का दुनिया की रिजर्व मुद्रा बने रहना भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहद जरूरी है। अगर हमने यह खो दिया, तो यह किसी विश्व युद्ध हारने जैसा होगा।

उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स नाम का यह समूह वाकई में संगठित हो जाता है, तो मैं इसे बहुत जल्दी खत्म कर दूंगा। मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कर भी पाएंगे। वे तो मुझसे डरते हैं। ब्रिक्स समूह के नेता (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान) छह और सात जुलाई को ब्राजील में 17वीं ब्रिक्स शिखर बैठक के लिए मिले थे। छह जुलाई को ही ट्रंप ने उन देशों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी जो ‘अमेरिका विरोधी’ नीतियों वाले ब्रिक्स समूह का साथ देंगे। अब ब्रिक्स समूह में चार नए देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान और यूएई भी जुड़ चुके हैं।

इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर पांचवें दौर की बातचीत 17 जुलाई को वॉशिंगटन में पूरी हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि भारत के प्रमुख वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने 14 जुलाई से शुरू हुई चार दिन की बातचीत का नेतृत्व किया। यह बातचीत इसलिए अहम है, क्योंकि दोनों पक्ष एक अगस्त से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौता करना चाहते हैं। उसी दिन ट्रंप की ओर से पहले से लगाए गए टैरिफ (भारत पर 26 फीसदी) के निलंबन की समयसीमा खत्म हो रही है, जो भारत समेत कई देशों पर लागू है।

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