
- विधायकों से पहले उनका स्टाफ होगा ट्रेंड
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा में ई-विधान लागू करने की तैयारियां जोरों पर चल रही है। संभवत: शीतकालीन सत्र में ई-विधान लागू हो जाएगा। ई-विधान लागू करने से पहले माननीयों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। लेकिन इससे पहले विधायकों के स्टाफ को ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए 28 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले विधायकों के स्टाफ को ई-विधान के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि आधे से ज्यादा सवाल ऑनलाइन पूछे जा रहे हैं। इससे साफ है कि विधायकों की ई-विधान में रुचि है। चूंकि विधायकों का काम उनका स्टाफ भी करता है, इसलिए उन्हें भी ट्रेनिंग दी जाएगी। जानकारी के अनुसार संसदीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली से ट्रेनर आएंगे। विधायकों के स्टाफ का प्रशिक्षण वर्ग विधान परिषद में आयोजित होगा। वहां कंप्यूटर लगाए जाएंगे, जिससे कि स्टाफ को प्रशिक्षण के दौरान व्यवहारिक (हैंड्स-ऑन) अनुभव प्रदान किया जा सके। इस प्रशिक्षण में संसदीय कार्य मंत्रालय के विशेषज्ञ वन नेशन वन प्लेटफॉर्म की विशेषताओं और कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे। ये विशेषज्ञ आधुनिक विधायी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक डिजिटल उपकरणों और कार्यप्रणाली को समझाने के लिए प्रत्यक्ष प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य विधायकों के स्टाफ को ई-विधान डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपकरणों और कार्यप्रणालियों से परिचित कराना है।
वन नेशन वन प्लेटफॉर्म के तहत ट्रेनिंग
मप्र विधानसभा में वन नेशन वन प्लेटफॉर्म के तहत ऑनलाइन कामकाज की ट्रेनिंग माननीयों से पहले उनके स्टाफ को दी जाएगी। इसके लिए विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले विधान परिषद में विधायकों के साथ उनके स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी कि वे कैसे ऑनलाइन प्रश्न पूछें और उसमें मंत्री का जवाब या उनके द्वारा की गई कार्रवाई से पूरक प्रश्न किस तरह करें। विधान परिषद में 75 विधायकों के बैठने की जगह है, जहां टेबलों पर 50 कंप्यूटर इंस्टॉल कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। 8 से 10 दिन में कंप्यूटर समेत अन्य उपकरण की खरीदी टेंडर प्रक्रिया के तहत एनआईसी द्वारा की जानी है। यह प्रक्रिया 25 जून तक पूरी हो जानी थी, लेकिन इसमें देरी हो रही है। इससे मौजूदा विधानसभा के मानसून सत्र में यह प्रक्रिया शुरू किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन आगामी शीतकालीन सत्र में ही यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू हो पाएगी। विधानसभा के 28 जुलाई से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र के लिए विधायकों के 3 हजार प्रश्न आए हैं, जिसमें से 2 हजार प्रश्न ऑनलाइन पूछे गए हैं। वन नेशन वन प्लेटफॉर्म से जुडऩे के बाद मध्यप्रदेश की विधानसभा संसद और अन्य राज्यों की विधानसभा से जुड़ जाएगी। इसमें यहां विधायकों को यह पता चल सकेगा कि संसद में क्या कार्रवाई चल रही है। इसके साथ ही राज्यों में विधानसभा में सदन में क्या कार्यवाही चल रही है। वहां से बेस्ट प्रैक्टिस के बारे में जानकारी ले सकेंगे। पहली बार के 90 विधायक चुनकर आए हैं, जिनमें से अधिकतर अभी भी टेबलेट पर अपना सदन की कार्रवाई से संबंधित कामकाज निपटाते हैं। इसलिए इन विधायकों को ई-विधान सिस्टम से जुडऩे में कोई भी अड़चन नहीं आएगी। इसकी वजह पहले से ही वे इस प्रक्रिया के तहत काम कर रहे हैं। टेबलेट की सप्लाई होते ही विधान परिषद भवन में कुछ डिवाइस इंस्टॉल करके प्रायोगिक तौर पर विधायकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए शुरुआती तैयारियां कर ली गई हैं।
पूरी तरह डिजिटल होगी विस की कार्यवाही
मप्र विधानसभा की कार्यवाही अब पूरी तरह डिजिटल होगी। विधानसभा सचिवालय विधानसभा में ई-विधान को लेकर तैयारी कर रहा है। इसके लिए कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रिक उपकरण की खरीदी की जा रही है। ई-विधान के तहत प्रदेश के विधानसभा की पूरी कार्यवाही डिजिटल हो जाएगी। इसमें विधानसभा से जुड़ी कार्यवाही की पूरी जानकारी और दस्तावेज विधायकों को ऑनलाइन ही उपलब्ध कराई जाएगी. विधायकों को प्रश्न से जुड़े जवाब, विधानसभा में पेश होने वाले बिल, अलग-अलग विषयों पर होने वाली डिबेट से जुड़ी जानकारियां भी डिजिटली मिलेंगी। विधायकों द्वारा लगाए जाने वाले सवालों के तमाम जवाब ऑनलाइन ही मंगाए जाएंगे। इसको लेकर सभी विभागों को इसके संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह के मुताबिक ई विधान को लेकर प्रक्रिया चल रही है। ई विधान लागू करने के पहले सभी विधायकों को इससे जुड़ी तकनीकी जानकारियों से रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए सभी विधायकों के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाया जाएगा। विधानसभा में सवाल लगाने के लिए विधायकों को पहले ही ऑनलाइन विकल्प दिया जा चुका है। पिछले विधानसभा सत्र में आधे से ज्यादा विधायकों द्वारा ऑनलाइन ही अपने सवाल भेजे थे।