
- 8500 पुलिस भर्तियों के लिए 2 माह से जवाब के इंतजार में पीएचक्यू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मार्च में प्रदेश में सरकार ने 8500 पलिस कर्मियों की भर्ती की घोषणा की थी। भर्ती में 7500 पद सिपाहियों के पद, 500 सब इंस्पेक्टर के और 500 पद ऑफिस स्टाफ के शामिल हैं। लेकिन चार माह बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। इसकी वजह यह है कि रोजगार पोर्टल पर लाइव रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई फैसला नहीं होने के कारण भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से भर्ती प्रक्रिया को लेकर मार्गदर्शन मांगा है। अब जब तक शासन की ओर से कोई जवाब नहीं आता है, तब तक यह प्रक्रिया अटकी रहेगी।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि परीक्षा में बैठने के लिए रोजगार पोर्टल पर लाइव पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। इस फैसले के चलते ही भर्ती प्रक्रिया फिलहाल, अटकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, पुलिस मुख्यालय ने इन परीक्षाओं के संबंध में सरकार से मार्गदर्शन मांगा था, लेकिन दो महीने बाद भी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। प्रदेश में पुलिस द्वारा जिन 8500 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जानी थी, उनके लिए निर्धारित नियमों के अनुसार, रोजगार कार्यालय में लाइव रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, पुलिस मुख्यालय ने अप्रैल माह में सरकार को पत्र लिखकर इस विषय पर सरकार से मार्गदर्शन मांगा था। सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में जब तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ जाता है, तब तक भर्ती प्रक्रिया अटकी ही रहेगी।
नक्सल प्रभावित गांवों से होंगी 1000 जवानों की भर्ती
मप्र के 3 नक्सल प्रभावित जिलों-बालाघाट, मंडला व डिंडोरी के 595 गांवों से 1000 जवानों की भर्ती की जा रही है। पुलिस इन गांवों के स्थानीय युवाओं को विशेष सहयोगी दस्ता के रूप में भर्ती करेगी। इस भर्ती में 35त्न पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। एडीजी चयन एवं भर्ती सोनाली मिश्रा ने बताया कि इन पदों के लिए 18 जुलाई से 7 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे।
भर्ती सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों के लिए है, जो इन 595 गांवों में से किसी एक में 10 साल से रह रहे हैं। बालाघाट में 810, मंडला में 130 व डिंडोरी में 60 पद भरे जाएंगे। एसटी वर्ग के लिए न्यूनतम योग्यता 5वीं पास और अन्य वर्गों के लिए 8वीं पास रखी गई है। फिजिकल टेस्ट में बेसिक फिटनेस देखी जाएगी। इंटरव्यू में गांव और आसपास की जानकारी से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। एसपी बालाघाट आदित्य मिश्रा ने बताया कि आरक्षण तालिका जिलों की आबादी के आधार पर बनी है। मंडला और डिंडोरी में अनुसूचित जनजाति के लिए 57 प्रतिशत और 64 प्रतिशत तक आरक्षण मिलेगा।
महिलाओं को 35 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिकों को, 10 प्रतिशत और होमगार्ड को 15 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। भर्ती हुए उम्मीदवारों का संबंधित एसपी ऑफिस से एग्रीमेंट होगा। भर्ती होनें वालों को हर महीने 25,000 रुपए मानदेय मिलेगा। हर 6 महीने में उनके काम की समीक्षा होगी। यदि प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा तो सेवा समाप्त की जा सकती है।
लाइव रजिस्ट्रेशन की शर्त को चुनौती
सरकार से मार्गदर्शन मिलने के बाद ही पुलिस विभाग इन 8500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने हेतु कर्मचारी चयन बोर्ड (ईएसबी) को लिखित पत्र जारी करेगा। इस वर्ष राज्य में 7500 कांस्टेबल, 500 सब-इंस्पेक्टर, सूबेदार व प्लाटून कमांडर और 100 स्टेनोग्राफर सहित 500 लिपिक वर्ग के पदों पर नियुक्ति होनी है। इससे पहले, इन भर्तियों को लेकर मप्र उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। कुछ आवेदकों ने भर्ती के लिए रोजगार कार्यालय में लाइव रजिस्ट्रेशन की शर्त को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। प्रदेश सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और सरकार को रोजगार कार्यालय में लाइव रजिस्ट्रेशन की शर्त हटाने का आदेश दिया।