
- प्रदेश में स्थानीय एवं केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से खड़े होंगे फ्लाइओवर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में राजधानी भोपाल के 90 डिग्री पुल और इंदौर के जेड आकार के पुल का मामला सामने आने के बाद लोक निर्माण विभाग ने बड़ा फैसला किया है। अब भविष्य में कोई भी पुल स्थानीय निकाय, रेलवे, एनएचएआई और अन्य एजेंसियों के आपसी तालमेल से ही खड़ा होगा। साथ ही पुल के घुमाव पर उच्च मानकों का ध्यान रखा जाएगा। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। खास बात यह है कि विभाग किसी भी निर्माण पुल का न तो डिजाइन बदलेगा और न ही किसी तरह के अन्य बदलाव होंगे। सिर्फ मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। दरअसल, राजधानी के डिग्री पुल निर्माण ने लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की कुशलता और तकनीकी दक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इंजीनियरों की सबसे बड़ी खामी पुल को कर्व (घुमावदार) न देते हए सीधे मोडऩा है। इस गलती से सीख लेकर लोक निर्माण विभाग अपने इंजीनियरों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। खास बात यह है कि राज्य शासन के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय ने जो निर्देश जारी किए हैं, उसके अनुसार सडक़, पुल एवं अन्य निर्माण में मानकों का कढ़ाई से पालन करने को कहा है। जिसमें निरीक्षम्प एवं सामग्री की गुणवत्ता के परीक्षण पर खासा जोर दिया गया है। यानी क्लीलिटी सुधारने पर भी जोर दिया है।
समन्वय इसलिए जरूरी
भोपाल के 90 डिग्री पुल के संबंध में शासन के पास जो रिपोर्ट पहुंची। उसमें यह भी तथ्य सामने आया कि पुल निर्माण के समय निर्माण एजेंसी का रेलवे, स्थानीय नगर निगम और मेट्रो रेल के बीच कोई समन्वय नहीं था। पुल के डिजाइन को लेकर रेलवे ने जो आपत्ति की थी, उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया। यहां तक लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने रेलवे के पत्रों पर न तो अमल किया और न ही जवाब दिया। इसी तरह मेट्रो एवं स्थानीय नगर निगम से भी समन्वय नहीं किया गया। इसी खामी को ध्यान में रखते हुए नए सिरे स निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे लाइन या अन्य मार्गों पर बनने वाले ओवर ब्रिज के निर्माण से पहले सभी एजेंसियां आपस में समन्वय स्थापित करें। शहरी क्षेत्र में आमतौर पर रेलवे आवर ब्रिज या फ्लाई ओवर के निर्माण प्रस्तावित हैं। लोक निर्माण विभाग को रेलवे, संबंधित नगरीय निकाय समेत यदि शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट है तो मेट्रो कंपनी से भी समन्वय करना होगा। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनने वाले पुल के लिए एनएचएआई के साथ समन्वय स्थापित करना होगा।
विशेषज्ञों की मदद लेगा विभाग
लोक निर्माण विभाग के बाद तकनीकी तौर पर दक्ष इंजीनियरों के साथ-साथ आर्किटेक्ट का टोटा है। ज्यादातर पुल एवं सडक़ों की डिजाइन संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा ही तैयार किया जाता है। भोपाल एवं इंदौर के पुलों की डिजाइन भी ठेका एजेंसियों के जरिए ही तैयार कराई थी। जरूरत पडऩे पर विभाग विशेषज्ञों की भी मदद लेगा।
इनका कहना है
सडक़ एवं पुल निर्माण के संबंध में स्थानीय एजेंसी, रेलवे या अन्य के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा है। साथ ही निर्माण कार्य मानकों के साथ कराने पर जोर देने को कहा है।
– सुखवीर सिंह, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग