
- नव चयनित 30 टीएसआई कम्प्यूटर डिप्लोमा में पास नहीं
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र परिवहन विभाग में मैदानी स्टाफ की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है। सरकार ने स्टाफ की कमी को देखते हुए जून में परिवहन सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की गई थी। लेकिन विडंबना यह है की उनकी भी मैदानी पदस्थापना नहीं हो सकी है। दरअसल, नव चयनित 30 टीएसआई ऐसे हैं जिन्होंने कम्प्यूटर डिप्लोमा की पास नहीं किया है। वहीं परिवहन विभाग में 13 आरक्षक भी ऐसे हैं, जिन्होंने विभागीय प्रशिक्षण नहीं लिया है। परिवहन आयुक्त ने इनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी लगभग पूरी कर ली है। पुलिस मुख्यालय ने इनकै प्रशिक्षण के लिए जो राशि बताई थी। वह भी स्वीकृत हो गई है। इनके साथ दो छूटे हुए उप निरीक्षकों का भी प्रशिक्षण होना है।
गौरतलब है कि मप्र परिवहन विभाग के परिवहन चेकपोस्टों पर प्राइवेट कटर द्वारा अवैध वसूली की शिकायतों के बीच नव चयनित 34 टीएसआई की पदस्थापना फिलहाल अटक गई है। विभाग में पदस्थापना से पूर्व आवश्यक अर्हता दस्तावेज कम्प्यूटर डिप्लोमा नव-चयनित 30 टीएसआई के पास नहीं है। इसलिए इनका विभागीय प्रशिक्षण भी अटक गया है। मैदानी काम में हो रही परेशानी को देखते हुए परिवहन आयुक्त ने इनकी पदस्थापना को लेकर शासन से अभिमत मांगा है। यदि बिना कंप्यूटर डिप्लोमा के ही प्रशिक्षण की अनुमति शासन से नहीं मिलती है तो 30 टीएसआई की ज्वाइनिंग और मैदानी पदस्थापना लम्बी खिंच सकती है।
30 नए टीएसआई सीख रहे हैं विभागीय कार्यप्रणाली
परिवहन विभाग में 34 नए परिवहन उप निरीक्षकों का चयन सहित भर्ती की सभी औपचारिकताएं तो तीन महीने पहले ही पूरी हो चुकी हैं, लेकिन ज्वाइनिंग सिर्फ 4 की ही हो सकी है। पिछले करीब तीन महीने से अटके प्रशिक्षण की प्रक्रिया बिना कंप्यूटर डिप्लोमा के ज्वाइनिंग दिए जाने हेतु शासन से हरी झंडी मिलने पर ही पूरी हो सकेगी। चूंकि सभी 34 टीएसआई का प्रशिक्षण साथ होना है, इसलिए चार का प्रशिक्षण भी अटका है। 30 नए टीएसआई को भलें विधिवत ज्वाइनिंग नहीं मिल सकी हो, लेकिन परिवहन आयुक्त ने इन्हें विभागीय कार्यप्रणाली को सीखने के लिए अलग-अलग विभागीय कार्यालयों में पदस्थ किया है। प्रशिक्षण और मैदानी पदस्थापना से पहले ये सभी विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर कार्यालयीन कामकाज का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
स्वीकृत पदों से कम अमला
उल्लेखनीय है कि मप्र परिवहन विभाग की प्रवर्तन (एन्फोर्समेंट) शाखा के अंतर्गत 45 चेकपॉइंट और इतने ही उडऩदस्ता में सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक और निरीक्षक स्तर तक को ही वाहनों को रोककर चेक करने का अधिकार प्राप्त है। विभाग के पास वर्तमान में एक भी सहायक उप निरीक्षक नहीं है। जबकि स्वीकृत पदों के अनुपात में आरटीआई लगभग एक चौथाई और टीएसआई आधे ही हैं। तीनों ही श्रेणियों में कुल स्वीकृत पद 171 हैं जबकि पदस्थ आरटीआई और टीएसआई की संख्या करीब 55 है। इनमें भी एक चौथाई अलग अलग कारणों से मैदानी पदस्थापना में नहीं हैं। चेकपॉइंटों और प्लाइंग पर अवैध वसूली की शिकायतों के बीच विभागीय दस्ता भी लगातार अधिकारियों से पर्याप्त सुरक्षा का आग्रह कर रहा है। हाल में अवैध वसूली के वीडियो सामने आए हैं तो ट्रक चालकों द्वारा विभागीय कर्मचारियों से मारपीट, झूमाझटकी और धमकाने के भी कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि चेकपॉइंट या फ्लाइंग द्वारा वाहन को रोके जाते समय उनकी सीमित संख्या देखकर ट्रक चालक एकजुट हो जाते हैं और अपने वाहनों को कार्रवाई से बचाने के लिए उनके साथ विवाद और मारपीट तक कर देते हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस भी उनकी मदद नहीं करती है। इसलिए उन्हें और अधिक अधिकारियों तथा बल की आवश्यकता है। जबकि ट्रक चालकों का आरोप है कि उनके कहनों को अवैध वसूली के लिए जबरदस्ती बैरीकेटिंग कर रोका जाता है। पैसे नहीं देने पर उनके . वाहन की नंबर प्लेट का फोटो लेकर ऑनलाइन चालान बनाए जा रहे हैं।
